उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक के घर और दफ्तर पर पड़े छापे, मिली आय से अधिक संपत्ति

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पटना. आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसवीयू ने मंगलवार को उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक संजय कुमार सिंह के दो ठिकानों पर छापेमारी की। राजधानी में विकास भवन स्थित ऑफिस के अलावा आनंदपुरी मुहल्ले में उनके आवास को खंगाला गया। आनंदपुरी में संयुक्त निदेशक अपने ससुर के घर में रहते हैं।
ऑफिस की तलाशी में कुछ पासबुक व अन्य कागजात मिले। आवास से 2 लॉकरों के साथ ही अन्य संपत्तियों के कागजात मिले हैं। देर रात तक आवासीय ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन जारी था। इससे पहले उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।
इसमें आय से 7 गुना अधिक 1.18 करोड़ की संपत्ति होने का जिक्र है। यह संयुक्त निदेशक व उनकी पत्नी के नाम पर है। इसमें सिर्फ बैंक बैलेंस, गाड़ी, जेवरात और एक फ्लैट ही शामिल है। लॉकर खुलने पर संपत्ति का आंकड़ा और बढ़ेगा।
एसवीयू की जांच में पता चला है कि संयुक्त निदेशक को वेतन के जरिए 1.25 करोड़ की आमदनी हुई। इनमें 1.08 करोड़ रुपए खर्च हुए। यानी 16.48 लाख रुपए की बचत हुई। इस गणित में टेलीफोन, बिजली, पारिवारिक शादी  समेत कई खर्च नहीं जोड़े गए हैं। इन्हें जोड़ने पर बचत माइनस में जा सकती है। हालांकि इस बचत की अपेक्षा संयुक्त निदेशक ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। आरंभिक जांच में 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। पटना के जलालपुर में ग्रीन सिटी स्थित फ्लैट की कीमत 38 लाख रुपए ही बताई गई है।
संजय प्रथम श्रेणी के अधिकारी (बिहार उद्योग सेवा) हैं। उनकी ऊपरी आमदनी का आलम यह है कि पिछले पांच वर्षों से उन्होंने वेतन की राशि को छुआ तक नहीं। वर्ष 2014 से 18 के बीच सिर्फ 4 बार में सवा लाख रुपए ही निकाले। सैलरी की अधिकतर रकम एकाउंट में ही पड़ी रही। बीते 11 वर्षों में सैलरी एकाउंट से हर माह आैसतन साढ़े 6 हजार ही निकाले गए। जबकि 50 वर्षीय संजय के परिवार में पत्नी के साथ दो बच्चे भी हैं। लेकिन महज 6 हजार रुपए में महीनाभर कैसे चलता होगा। तफ्तीश में लगे सूत्रों के मुताबिक उन्होंने रियल एस्टेट में मोटी रकम निवेश कर रखा है। जांच आगे बढ़ने पर इससे जुड़ी कई अहम जानकारी सामने आएगी।

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