मुजफ्फरपुर: सोमवार को हुए अग्निकांड में 4 बहनें जिंदा जल गईं थीं। चारों के शव एक साथ दफनाए गए। अंतिम संस्कार के समय मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। मासूमों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। कई घरों में तो चूल्हे तक नहीं जले।सुस्ता पंचायत की 14 साल की सोनी जान की परवाह किए बिना आग की लपटों से मां को बचाकर ले आई, फिर सोनी अपनी बहनों की मदद करने अंदर घुसी थी, लेकिन खुद फंस गई। उसके साथ उसकी 3 और बहनें कमरे में फंस गईं। अचानक उनके ऊपर घर का छज्जा गिरा।
मौके पर चारों की जलकर मौत हो गई थी। मुकेश राम के 10 साल के बेटे किशन कुमार और 17 साल की बेटी मनीषा काे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है। इनमें 3 की हालत गंभीर है।सर्जरी आईसीयू में भर्ती राकेश राम की पत्नी बेबी देवी और उसके 9 महीने के बेटे प्रकाश कुमार की हालत नाजुक है, जबकि राकेश राम के 5 साल के बेटे आकाश कुमार और मुकेश राम की 12 साल की बेटी कृष्णा कुमारी बर्न वार्ड में भर्ती हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, सर्जरी आईसीयू में भर्ती महिला और बच्चे की हालत नाजुक है। बर्न वार्ड में भर्ती कृष्णा कुमार की हालत भी ठीक नहीं है।आग में नरेश राम के घर के साथ पूरा सामान जलकर राख हो गया। चारों तरफ जले हुए अनाज, बर्तन, कपड़े, पलंग, बेड और छोटी-छोटी चप्पल इस दर्दनाक हादसे की कहानी बयां कर रहे हैं।अग्निकांड में अपनी बच्चियों को खो चुकी मां फूलो देवी बार-बार बेसुध हो जा रही है। मां मौके पर पहुंचे सीओ के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगी। बार-बार एक ही बात कह रही थी कि मेरी बेटियों को लौटा दो
Comments are closed.