खेत की खोदाई के दौरान निकली मुगलकाल से पहले की बनी उमा-महेश्वर की प्रतिमा

The statue of Uma-Maheshwar made before the Mughal period came out during the digging of the field

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा

आगरा के गांव कबूलपुर में रविवार को गृह निर्माण के लिए खेत में खोदाई के दौरान लाल बलुआ पत्थर की एक शिला पर बनी उमा-महेश्वर की दो फुट ऊंची प्रतिमा निकल आई। यह मुगल काल से पूर्व की बताई जा रही है। आगरा में इस तरह की प्रतिमा मिलने को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महत्वपूर्ण मान रहा है। विभाग की टीम गांव जाकर प्रतिमा का अवलोकन करेगी।

जानकारी के अनुसार आगरा के गांव कबूलपुर में भगवान दास अपने मकान की मरम्मत करा रहे हैं। उनका खेत मकान से लगा हुआ है। रविवार शाम लगभग छह बजे मकान में भरत के लिए वह अपने खेत में जेसीबी से मिट्टी की खोदाई करा रहे थे। खोदाई करते समय करीब चार-पांच फुट नीचे खेत में दबी प्राचीन प्रतिमा निकल आई। प्रतिमा निकलने पर मिट्टी की खोदाई बंद करा दी गई। ग्रामीण प्रतिमा को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की मान रहे थे। खेत की खोदाई में प्राचीन प्रतिमा निकलने की जानकारी होते ही आसपास के गांवों से लोग आने लगे। यहां भीड़ जुट गई। लोगों ने प्रतिमा को पानी से साफ करने के बाद पूजा-अर्चना शुरू कर दी।

एएसआइ अधिकारियों ने प्रतिमा का चित्र देखने के बाद उसके उमा-महेश्वर की होने और मुगल काल से पूर्व के होने की पुष्टि की। अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ राजकुमार पटेल का कहना है कि खेत की खोदाई में मिली उमा-महेश्वर की प्रतिमा मुगल काल से पूर्व की है। आगरा में इस तरह की प्रतिमा का मिलना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रतिमा के चित्र के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि उसका क्षरण अधिक हुआ है या उसे ढंग से उकेरा नहीं गया है। प्रतिमा देखने के बाद ही स्थिति अधिक स्पष्ट हो सकेगी।

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