गोरखपुर: जिले में एक चोरनी ने पूरे सिस्टम, सीसीटीवी फुटेज को भी चकमा देते हुए चोरी की घटना को अंजाम दिया, लेकिन आखिरकार दरोगा ने जब संदेह और चोरी के तरीको के आधार पर एक महिला चोर को घेरे में लिया तब चोरी की पूरी घटना सामने आ गई और कैंट पुलिस असली महिला चोर के पास पहुंच गई।कोतवाली थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर निवासी नाजिया पुत्री हसमत अली 17 अप्रैल 2023 को गोलघर स्थित एक शोरूम में जेवर चेक कराने गई थी। वहां से हालमार्क कराने के लिए घंटाघर के लिए निकली। उसके पास करीब 2.75 लाख रुपये कीमत के जेवर थे।
दुकान से ही उसके पीछे बुर्का पहने चोरनी पड़ गई थी। ई-रिक्शा में वह भी इस्माइलपुर जाने की बात कहते हुए नजिया के साथ बैठ गई। रास्ते में शातिराना तरीके से बैग से जेवर गायब कर दिया।घर पहुंचने पर नाजिया ने जब जेवर चेक किया तो पर्स से गायब था। उसने शोरूम पर ही संदेह कर लिया और फिर वहां पहुंच गई। बाद में पुलिस पहुंची और केस दर्ज कर जांच में जुटी। वर्कआउट के लिए राजघाट और कैंट पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही थी, लेकिन जटेपुर चौकी इंचार्ज धीरेंद्र राय ने 42 से अधिक सीसी टीवी कैमरों को खंगाला। फिर संदेह के आधार पर जेल से छूटी महिला के नंबर का सर्विलांस से लोकेशन चेक कर उस तक पहुंच गए।
संदेह के आधार पर हिरासत में लेते ही महिला ने सच बता दिया। कहा कि कुछ जेवर को उसने नेपाल में बेच दिया है। पुलिस ने महिला के पास से चोरी का बड़ा हार, दो कान के झुमके और बेचकर मिले 4500 रुपये बरामद कर लिए। एसपी ने बताया कि चौकी इंचार्ज को एसएसपी की ओर से बेहतरीन काम के लिए दस हजार रुपये का इनाम दिया गया है।पकड़ी गई महिला की पहचान पिपराइच के जंगल धूसड़ निवासी श्वेता तिवारी पत्नी अमित त्रिपाठी के रूप में हुई है।
श्वेता का मायका सिद्धार्थनगर में है। श्वेता पहली बार शाहपुर थाने से 2019 में जेल गई थी। तब भी उसने यात्री बनकर चोरी की थी। इसके बाद कैंट से 2021, 2022 में जेल गई। वह चौथी बार इस तरह के मामले में पकड़ी गई है। एसपी ने बताया कि वह अकेले ही वारदात को अंजाम देती है। पकड़ी न जाए इसलिए बुर्का पहन लेती है। अकेले वारदात के पीछे उसका तर्क है कि कोई उस पर शक न करें, इसलिए किसी को साथ नहीं रखती है।
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