जाली सर्टिफिकेट जारी कर हजार लोगों को ठगने वाले तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने जाली सर्टिफिकेट जारी कर हजार लोगों को ठगने वाले किंगपिन सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजस्थान के सीकर जिले के निवासी मोनू शर्मा, कुलदीप सिंह और चित्रेश गोयल के रूप में हुई है। उनके कब्जे से छह मोबाइल फोन जब्त किए हैं।

स्पेशल सेल आईएफएसओ के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के सलाहकार अखिलेश्वर यादव ने आईएफएसओ के पास चीटिंग होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि एसपीवी, सीएससी के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न जी2सी और बी2सी सेवाओं के वितरण के लिए एक केंद्रीकृत सहयोगी ढांचा प्रदान करता है। पर कुछ अज्ञात व्यक्ति गलत तरीके से पेश कर रहे थे कि वे ग्रामस्तरीय उद्यमी के रूप में पंजीकरण की सुविधा देते हैं और कुछ राशि का भुगतान करने के बाद बिना किसी परीक्षा के सामान्य सेवा केंद्र की आईडी आवंटित करते हैं। शिकायत पर कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की गई थी।

डीसीपी ने बताया कि मामले की छानबीन के दौरान टीम को कुछ सुराख मिले, पुलिस ने राजस्थान के नीमकाथाना इलाके में एक कैफे पर छापा मारकर मोनू और उसके साथी कुलदीप सिंह को दबोचा। इन दोनों की निशानदेही पर चित्रेश गोयल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि चित्रेश गोयल मास्टरमाइंड पाया गया। यह लोग फेक वेबसाइट बनाकर लोगों को टारगेट करके ठगते थे। जैसे ही लोग इनसे संपर्क करता, यह लोग उनको धोखाधड़ी से अपना निशाना बना लेते थे। ठगी का सारा पैसा चित्रेश गोयल की मां के बैंक अकाउंट में जाता था।

डीसीपी ने आगे बताया कि यह गैंग अब तक 1000 लोगों को देश भर में टारगेट करके उनसे 17 लाख रुपये के आसपास धोखाधड़ी कर चुका है। यह गैंग रूरल इलाके में कॉमन सर्विस सेंटर दिलवाने के नाम पर लोगों को टारगेट करता था। यह सीएससी सेंटर सरकार द्वारा चलाए जा रहे है जिससे हेल्थ केयर, फाइनेंस, एजुकेशन और एग्रीकल्चर से संबंधित ई-सर्विस सुविधा लोगों को पहुंचाने का एक बड़ा माध्यम होता है।

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