ऑस्ट्रेलिया की राजदूत ने दिल्ली महिला आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन का दौरा किया

नई दिल्ली: लैंगिक समानता पर ऑस्ट्रेलिया की राजदूत स्टीफन कोपस कैंपबेल के नेतृत्व में 6 लोगों के एक ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली महिला आयोग की ‘181’ महिला हेल्पलाइन का दौरा किया। दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और सदस्य वंदना सिंह ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। गणमान्य व्यक्तियों को 181 महिला हेल्पलाइन के कामकाज और संचालन के बारे में जानकारी दी गई।

181-महिला हेल्प लाइन एक 24*7 हेल्पलाइन है जो दिल्ली महिला आयोग द्वारा संकट में महिलाओं और लड़कियों की परेशानी सुनने के लिए संचालित की जा रही है। 24 घंटे संचालित यह महिला हेल्पलाइन महिलाओं की सहायता करने में बहुत प्रभावी रही है। हेल्पलाइन पर प्राप्त प्रत्येक कॉल को अच्छी तरह से योग्य और प्रशिक्षित परामर्शदाताओं की एक टीम द्वारा तुरंत सुना जाता है। कॉल करने वाले की काउंसलिंग की जाती है और उसकी शिकायत को उसके निवारण के लिए एक अच्छी तरह से परिभाषित एसओपी के अनुसार संबंधित प्राधिकरण जैसे दिल्ली पुलिस, अस्पतालों, आश्रय गृहों आदि को भेज दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में आयोग की एक टीम संकट में पड़ी महिलाओं और लड़कियों से मिलने और उनकी सहायता करने के लिए भेजी जाती है। आयोग ने अपनी 181 महिला हेल्पलाइन पर प्राप्त कॉल के माध्यम से हजारों लड़कियों को तस्करी, घरेलू दुर्व्यवहार और बाल विवाह आदि से बचाया है। फरवरी 2016 में दिल्ली महिला आयोग को सौंपे जाने के बाद से आयोग को अपनी 181 हेल्पलाइन पर 20 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुई हैं।

स्टीफ़ाइन कोपस कैंपबेल और टीम के अन्य सदस्यों ने हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों द्वारा लाइव परामर्श देखा। उन्होंने कई फील्ड काउंसलर से भी बातचीत की जिन्होंने कई रेस्क्यू किये हैं।

उदाहरण के लिए, मोबाइल हेल्पलाइन की काउंसलर गीता ने 2018 में राजस्थान की एक लड़की को छुड़ाने के मामले के बारे में बताया। उसे उसके माता-पिता द्वारा बंदी बना लिया गया था और उसके मंगेतर ने आयोग से इसकी शिकायत की थी। इसके बाद, गीता के नेतृत्व में आयोग की एक टीम को लड़की को छुड़ाने के लिए राजस्थान भेजा गया। बड़ी मुश्किल से, और लड़की के परिवार के समुदाय से कई धमकियों का सामना करने के बाद, लड़की को बचाया गया और दिल्ली लाया गया। उसने फिर अपने मंगेतर से शादी की और अब उसका एक बच्चा है।

एक अन्य काउंसलर रीटा ने बताया कि वर्ष 2021 में 181 पर एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें आयोग को बताया गया था कि एक महिला द्वारा कुछ बच्चों को घरेलू सहायक के रूप में बच्चों को जबरन रखा जा रहा है। इन बच्चों को महिला ने अलग-अलग जगहों पर रखा था। तुरंत आयोग की एक टीम को उस स्थान पर भेजा गया और दिल्ली के बवाना इलाके से दो बच्चों, 5 साल की एक लड़की और 10 साल के एक लड़के को बचाया गया। इसके बाद आयोग को अन्य दो बच्चों की लोकेशन दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में मिली। आयोग ने एक टीम का गठन किया जो दिल्ली पुलिस के साथ उस स्थान पर गए। वहां से आयोग ने एक 10 साल की बच्ची और 8 साल के लड़के को रेस्क्यू किया।

प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने आयोग के कामकाज और उसकी हेल्पलाइन की प्रशंसा की। वे विशेष रूप से पालन की जा रही प्रक्रियाओं और पूरी टीम के काम करने के जूनून से काफी प्रभावित थे। स्टीफ़ाइन कोपस कैंपबेल और स्वाति मालीवाल ने भारत और ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं और लड़कियों से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की और दोनों देशों में किये जा रहे सर्वोत्तम कार्यों को साझा किया। दोनों ने आदान-प्रदान कार्यक्रम बनाने के संबंध में चर्चा की ताकि दोनों देशों में समान संस्थानों के कामकाज को मजबूत किया जा सके।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “हमें दिल्ली महिला आयोग के 181 महिला हेल्पलाइन पर ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के अधिकारियों के साथ लैंगिक समानता पर ऑस्ट्रेलियाई राजदूत स्टेफ़नी कैंपबेल का स्वागत करते हुए बहुत ख़ुशी हुई। हेल्पलाइन और आयोग की पूरी टीम राजधानी में लड़कियों और महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कड़ी मेहनत करती है। स्टेफ़नी कैंपबेल दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों से संबंधित मुद्दों में गहरी दिलचस्पी रखने वाली एक बहुत ही भावुक व्यक्ति हैं। वह बहुत जिज्ञासु थी और उन्होंने पूरी टीम के साथ काफी देर तक बातचीत की। उन्होंने आयोग के कामकाज की काफी सराहना की। दुनिया भर में महिलाओं के मुद्दों पर उनके साथ बातचीत करना खुशी की बात थी और हम ऑस्ट्रेलियाई दूतावास के साथ इस तरह के जुड़ाव को लेकर आशान्वित हैं।”

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