बाल विवाह रोकथाम को लेकर चलाया गया जागरूकता कार्यक्रम

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट- सुमित सिंह

शिवहर: यह सोच कर बड़ा अजीब लगता हैं कि वह भारत जो अपने आप में एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा हैं उसमें आज भी एक ऐसी कुरीति जिन्दा हैं। इसी कुरीति को बाल विवाह कहते है।इसी कड़ी मे सोमवार के दिन शिवहर प्रखंड के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय बिसाही में किशोरियों के साथ बाल विवाह और महावरी के समय स्वच्छता के विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें उन्हें अलग अलग वीडिओ और चार्ट पेपर की मदद से- 1-बाल विवाह से होने वाली परेशानियों के बारे में जागरूक किया गया उन्हें 18 साल के बाद लड़की और 21 साल के बाद लड़के की शादी करने की कानूनी उम्र की जानकारी दिया गया साथ ही सभी किशोरियों को उनकी पढ़ाई पूरी करके अपने पैरों पर खड़ी होकर आत्मनिर्भर बनकर समाज में एक उदाहरण बनने के बारे में प्रोत्साहित किया गया।

साथ ही उन्हें पढ़ाई के लिए सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजना – मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, जैसी योजना की जानकारी दिया गया जिससे वह पढ़ाई के लिए लाभ प्राप्त कर सकती है।महवारी के समय साफ सफाई और स्वक्षता का पालन करने के बारे में जागरूक किया गया साथ ही साथ उन्हें महवारी के समय गंदे कपड़े के इस्तेमाल से होनी वाली गंभीर बिमारियों के बारे में भी बताया गया।आज के जागरूकता कार्यक्रम में किशोरियों को पैड भी वितरित किये गए और महवारी के समय पैड के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया गया इस जागरूकता कार्यक्रम में कस्तूरबा गाँधी बालिका की किशोरियाँ, वार्डन कुमारी अलका , प्रथम संस्था के जिला समन्वयक राम शंकर उपस्थित रहे।

28 मई को प्रति वर्ष महवारी स्वक्षता दिवस मनाया जाता है, यह दिन महिलाओं के स्वास्थ्य, हाइजीन, और महावरी संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर है। महावरी या पीरियड्स महिलाओं के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसे नकारात्मक समझना अनुचित है।महावरी स्वच्छता दिवस के माध्यम से, हम समाज में जागरूकता बढ़ाते हैं और महिलाओं को सम्मान, सहानुभूति और योग्यता के साथ महावरी के समय स्वस्थ रहने की सुविधा प्रदान करने का संकल्प लेते हैं।महावरी स्वच्छता दिवस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को संबंधित विषयों पर जागरूक करना है। इस दिन पूरी दुनिया भर में अनेक गतिविधियाँ, कार्यक्रम और जागरूकता प्रशासन आयोजित करते हैं ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के मामले में जागरूक हो सकें।

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