गोरखपुर:उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन अधिकार नियमावली-2017 की धारा 33(1) के अन्तर्गत प्रदेश के दिव्यांगजन की आकस्मिक सहायता हेतु राज्य निधि का गठन किया गया है, जिसके संचालन के लिए शासन द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश के अन्तर्गत राज्य निधि मद से दिव्यांगजन को वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु जनपद में व्यापक प्रचार-प्रसार कराते हुए प्रस्ताव निदेशालय उपलब्ध कराया जाना है। दिव्यांगजनों के सहायतार्थ शासन द्वारा राज्य निधि के माध्यम से 04 प्रकार के वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजनों द्वारा बनाये गये चित्रों हस्तकला आदि सहित उत्पादो को प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शिनी एवं कार्यशालाओं हेतु धनराशि सहायता के रुप में उपलब्ध कराना। उत्तर प्रदेश के दिव्यंागजन जिनका खेल/ललितकला/संगीत नृत्य/फिल्म/थियेटर साहित्य जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हो उन्हें राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय आयोजनों में प्रतिभाग किये जाने तथा खेल आयोजन हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना। दैनिक जीवन के गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए बेंचमार्क दिव्यांगता के व्यक्तियों को उच्च सहायता के उपकरण क्रय हेतु वित्तीय सहायता।
उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन जो गम्भीर बिमारियों कैंसर, थैलसीमिया, एनीमिया, बहुस्केलोरोसिस से ग्रसित हों तथा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित न हो को चिकित्सा हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।अतः जनपद के एसे दिव्यांगजन/स्वैच्छिक संगठन जो राज्य निधि से उक्त प्रकार की केटेगरी में आवेदन हेतु इच्छुक हों वे अपना आवेदन निर्धारित प्रारुप पर 15 कार्यदिवस में कार्यालय-जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, गोरखपुर कमरा नं0-7 विकास भवन गोरखपुर में 03 प्रतियों में उपलब्ध करायें।
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