पंचायती राज एक्ट को ठेंगा दिखाकर प्रतिनिधि चला रहे प्रधानी..

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

फतेहपुर। संविधान में आरक्षण की व्यवस्था दी गई है ताकि उन लोगों को भी अवसर मिल सके जो अधिकार नहीं पाते लेकिन आज यह व्यवस्था दिखावा मात्र रह गई है | ऐसा ही मामला निर्वाचित हुए महिला प्रधानों का भी है जहां महिलाओं को समान अवसर देने के लिए महिला सीटों का आरक्षण किया जाता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद ज्यादातर महिला प्रधानों की प्रधानी पति, देवर ,भाई या ससुर चलाते हैं और सरकारी बैठकों/ कार्रवाईयों में भाग लेते हैं। या इनके द्वारा बनाया गया प्रतिनिधि भाग लेता है

| जिससे प्रधानों के अनुपस्थित रहने से उन्हें विकास कार्यों की सही जानकारी नहीं मिल पाती है | फिर वही प्रतिनिधि सचिवों से मनमानी पूर्ण रवैया अपनाते हैं बहुत से महिला सरपंचों को तो अपने ग्राम पंचायत में नियुक्त सचिवों के नाम भी नहीं पता ऐसे कई मामले हमेशा सोशल मीडिया में वायरल होते रहते हैं | जबकि पंचायती राज (एक्ट) अधिनियम के तहत ग्राम प्रधान चुनी गई महिला प्रधानों को खुद काम करना होगा | उन्हें ही ग्राम पंचायतों के सभी बैठकों में शामिल होना एवं ग्राम के विकास कार्यों की समीक्षा करना होगा | यदि महिला प्रधानों की जगह उनके पति, बेटा ,देवर ,ससुर , भाई या प्रतिनिधि ग्राम सचिवालयो मे होने वाली बैठकों में हिस्सा लेते नजर आए तो पंचायती राज एक्ट के तहत करवाई होगी | शासन की ओर से इसके लिए पूर्व में ही गवर्नमेंट ऑर्डर भी जारी किया गया है |

 महिला श्रेणी के सरपंच पदों पर निर्धारित निर्वाचित जनप्रतिनिधि कार्यालय में नहीं आते हैं तथा उनके स्थान पर उनके परिजन पंचायत कार्यालय में उपस्थित रहकर सरपंच के लिए निर्धारित सीट पर बैठते हैं एवं कर्मचारियों को निर्देश करते रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

यह प्रवृत्ति गैरकानूनी तथा सरपंच पद की गरिमा के खिलाफ है। इस संबंध में विधिक प्रावधानों तथा राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार स्पष्ट किया जाता है कि सरपंच स्वंय प्रतिदिन कार्यालय समय में कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। यदि कुछ सरपंच लगातार तीन दिन तक कार्यालय से अनुपस्थित रहे तो ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा इसकी लिखित सूचना विकास अधिकारी पंचायत समिति तथा जिला परिषद के नियंत्रण कक्ष में नोट कराई जाएगी। ऐसे सरपंच को पंचायती राज अधिनियम की धारा 32 (2) (ख) के तहत अनुपस्थित मानकर उपसरपंच को सरपंच का कार्य करने के लिए अधिकृत किया जा सकेगा।

महिला प्रधानों से संबंधित क्‍या है गवर्नमेंट आर्डर

 जीओ यानि गवर्नमेंट ऑर्डर में स्पष्ट है कि महिला ग्राम प्रधान के स्थान पर अगर कोई दूसरा प्रधानी करता है तो प्रधान के कार्य पर रोक लगा दी जाएगी और उसके वित्तीय समेत सभी अधिकार सीज कर दिए जाएंगे। इसके लिए सभी सचिवों को निर्देश दिया गया है कि महिला प्रधान के कार्य में अगर कोई हस्तक्षेप करता है तो उसे वह स्वयं रोके और उसकी रिपोर्ट डीपीआरओ को भेजें।

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