दिल्ली गैस चैंबर, रिटायरमेंट के बाद यहां नहीं रहूंगा: जस्टिस मिश्रा

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा का दर्द छलका। दिल्ली में प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर रहे जस्टिस मिश्रा ने कहा कि
दिल्ली अब रहने लायक नहीं रही। जस्टिस मिश्रा ने कहा, “शुरू में दिल्ली मुझे आकर्षित करती थी, पर अब रहने लायक नहीं रह गई। रिटायरमेंट के बाद यहां नहीं रहूंगा।
जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ट्रैफिक जाम की हालत यह है कि आज मैं न्यायाधीशों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से भी वंचित रह जाता। जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पद की शपथ ली।
आरआरटीएस दिल्ली सरकार की मोहताज नहीं :सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। जस्टिस मिश्रा और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि आरआरटीएस जरूरी है, इसे दिल्ली सरकार की दया पर नहीं छोड़ सकते।
कोर्ट को बताया गया कि इसके निर्माण में कुल 31,902 करोड़ की लागत आएगी। दिल्ली सरकार को 1,138 करोड़ देना है। बजट न होने की बात कहकर सरकार यह राशि भी केंद्र से चाहती है।
  • जस्टिस मदन बी लोकुर (29 अक्टूबर 2018): “गरीब लोग साइकिल-रिक्शा पर चलते हैं।
  • सैकड़ों लोगों को अपनी आजीविका कमाने के लिए काम करना है। प्रदूषण में काम करके खुद को मार डालो? “
  • जस्टिस लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता (17 जुलाई 2018) : “प्रदूषण से 60 हजार लाेगों की जान चली गई। आखिर आप लोग कर क्या रहे हैं?” जस्टिस एचएल दत्तू(तत्कालीन सीजेआई 6 अक्टूबर 2015 को) : “सांस लेना जहर हो गया है। मेरा पोता भी मास्क पहनता है। जब वो मास्क लगाता है तो निंजा जैसा दिखता है।”
ईपीसीए के चेयरमैन डॉ. भूरेलाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। मगर अभी भी उल्लंघन की घटनाएं कम नहीं हो रहीं। प्रशासन को तो सख्ती दिखानी की जरूरत है। लोगों को भी गंभीरता दिखानी होगी।
वहीं सीएसई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय चौधरी के अनुसार एक्शन प्लानों में सबकुछ क्लीयर है, अब उन पर एक्शन का वक्त है। सिर्फ प्लान की बात होगी, एक्शन नहीं होगा तो प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहेगा।

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