देहरादून: छोटी बहन के साथ खेल रहे एक 12 साल के मासूम के लिए कुत्ते के गले का पट्टा मौत का फंदा बन गया।घटना पटेलनगर के मेहूंवाला की है। यहां पर कुलदीप सिंह अपने पत्नी व दो बच्चों के साथ रहते हैं। वह ऑटो चलाते हैं। उनका बड़ा बेटा कार्तिक 12 साल का था और 10 साल की बेटी है।कुलदीप शुक्रवार सुबह ऑटो लेकर घर से चले गए थे। शाम को उनकी पत्नी भी बाजार चली गई। घर में कार्तिक और उसकी बहन ही मौजूद थी। दोनों घर के बेडरूम में खेल रहे थे।
इसी बीच कार्तिक ने कुत्ते का पट्टा उठाया और उससे खेलने लगा। कार्तिक ने इस पट्टे को दरवाजे के ऊपर से फेंका तो इसका एक छोर दूसरी तरफ कुंडे में फंस गया। इसके बाद उसने दूसरे छोर को अपने गले में पहन लिया।कार्तिक जरा नीचे हुआ तो यह कस गया और वह तड़पने लगा। कार्तिक की बहन ने इस फंदे को पहले तो गले से खोलना चाहा और फिर दरवाजे के पीछे कुंडे से खोलने का प्रयास किया। मगर, दोनों जगह वह असफल हो गई।
बच्ची चिल्लाते हुए घर से बाहर निकली तो पड़ोसी वहां पहुंच गए। उन्होंने कार्तिक के गले से यह फंदा निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मौके पर आईएसबीटी चौकी से पुलिस फोस पहुंच गई। एसएचओ पटेलनगर सूर्यभूषण नेगी ने बताया कि आशंका है कि बच्चे का पैर फिसलने से यह फंदा लगा होगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।बच्चे की मां बेसुध हालत में है।
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