वाराणसी: 32 साल पहले वाराणसी में कांग्रेस नेता अवधेश राय की सनसनीखेज हत्या हुई हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है। उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा है। एक अन्य धारा के तहत उस पर 20 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है।जुर्माना न चुका पाने की स्थिति में मुख्तार को छह महीने और सजा भुगतनी होगी।सजा सुनाए जाने के दौरान मुख्तार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से जुड़ा था।
उसने पहले खुद को बेगुनाह बताया फिर अपनी उम्र का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की गुहार लगाई।अपने गैंग के जरिए दशकों तक पूर्वांचल में आतंक मचाने वाले माफिया मुख्तार अंसारी को अपने गुनाहों की अब तक की सबसे बड़ी सजा मिली है। मुख्तार को 50 से ज्यादा मुकदमे होने के बावजूद दशकों तक किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सका था लेकिन पिछले एक साल के दौरान ही उसे चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
साल 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में बाहुबली का ऐसा हिसाब हुआ है कि अब उसकी सारी उम्र जेल में ही कटनी तय हो गई है।32 साल पहले 3 अगस्त 1991 को अवधेश राय की वाराणसी के लहुराबीर इलाके में उनके छोटे भाई अजय राय के सामने सनसनीखेज हत्या कर दी गई थी।मारुति वैन पर सवार होकर आए बदमाशों ने अवधेश राय पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं।
अजय राय ने अपने सामने भाई को गोलियों से छलनी होता देखा तो मुंह से चीख निकल पड़ी। वह कुछ समझ पाते इसके पहले ही बदमाश वहां से भाग निकले। अजय राय ने वैन का पीछा भी किया। वारदात स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित चेतगंज थाने से कोई बाहर नहीं निकला। अजय राय और आसपास मौजूद लोग खून से लथपथ अवधेश राय को लेकर नजदीकी निजी अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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