प्रयागराज: पिछले दिनों दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में मोबाइल गेम के जरिए मतांतरण का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था, अब ऐसा ही एक मामला प्रयागराज में देखने को मिला है।चित्रकूट जिले की एक महिला छह साल पहले अपने पति से विवाद के बाद प्रयागराज के झलवा में आकर बस गईं। उसके पांच बच्चे हैं। सबसे बड़ा 16 वर्षीय बेटा ई-रिक्शा चलाने लगा। घर आने पर अधिकतर समय मोबाइल में ही बीतने लगा।
परिवार के सदस्यों से बातचीत कम हो गई। उसकी बदलती हरकत से उसकी मां परेशान हो उठीं।कुछ दिन पहले जनेऊ तोड़ने पर भी विवाद हुआ, पूजा में बैठना छोड़ दिया। फटकारने पर गुमसुम रहने लगा। हद तो तब हो गई, जब वह सप्ताह भर पहले घर में ही नमाज पढ़ने लगा।अपने ई-रिक्शा पर चांद-सितारा वाला झंडा लगा लिया।
इससे परेशान उसकी मां शुक्रवार को अपने बेटे को लेकर मनोचिकित्सक के पास जाने लगी तो उसे मुस्लिम युवकों ने घेर लिया।किसी तरह उनसे बचकर महिला मनोचिकित्सक के पास पहुंची और उनसे सारी बात बताई। इस तरह से मोबाइल गेम के जरिए भी हो रहे धर्मांतरण के प्रयास चिंता के सबब बन गए हैं।बच्चे को घर में रखने और समझाने की सलाह दी है। इसकी कुछ दिनों तक नियमित दवा चलेगी।
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