पिरान कलियर: दरगाह साबिर पाक में दूरदराज से जायरीन अपनी मन्नत मांगने के लिए पिरान कलियर पहुंचते हैं लेकिन उत्तराखंड सरकार के द्वारा टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सभी धार्मिक स्थलों को मॉडल से विकसित किया जा रहा है वही उत्तराखंड में आने वाले हर एक यात्री को अतिथि देवो भव: की नजरों से देखा जा रहा है लेकिन रुड़की क्षेत्र से लगने वाली दरगाह साबिर पाक अभी भी अपनी बदहाली के आंसू बाह रहीं हैं पिरान कलियर देश में ही नहीं विदेशों में भी सुप्रसिद्ध है और करोड़ों रुपए का सालाना टर्न ओवर होने के बावजूद भी साबिर पाक दरगाह में कोई विकास कार्य नहीं कराए जा रहे हैं
पिरान कलियर साबिर पाक दरगाह के सामने प्रतीक्षालय (सिंदरी ) में पंखे ना होने के कारण जायरीन इस उमस भरी गर्मी में इतना ज्यादा परेशान है की प्रतीक्षालय (सिंदरी ) में बैठने वाले जायरीन गर्मी के कारण बेहोश हो रहे हैं आपको बताते चलें पिरान कलियर में दूरदराज से आने वाले जायरीन अपने परिवार के साथ मासूम बच्चों को लेकर इसी प्रतीक्षालय (सिंदरी )में कुछ समय के लिए विश्राम करते हैं लेकिन वहां छत के पंखे ना होने के कारण जायरीनों के लिए सबसे बड़ी समस्या गर्मी की हो रही है
कुछ मेहमान तो हाथ के पंखों से अपने परिवार को हवा करते देखे जा सकते हैं वही साबिर पाक दरगाह का यह हाल होगा तो अन्य दरगाह का क्या हाल होगा यह देखने वाली बात होगी वही नवनियुक्त दरगाह प्रबंधक भले ही अपने विकास कार्यों का दावा कर रही हो लेकिन पिरान कलियर में कहीं भी विकास कार्य नजर नहीं आ रहा है देखने वाली बात यह होगी कि कब तक घर का प्रशासन की ओर से दरगाह क्षेत्र के प्रतीक्षालय (सिंदरी )में जायरीनों ने के लिए छत के पंखों की व्यवस्था करा पाती है!
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