शिवहर: बिहार के अधिकांश नवोदय विद्यालय में प्रत्येक वर्ष 80 बच्चों का नामांकन होता है जबकि शिवहर के नवोदय विद्यालय में 40 बच्चे प्रत्येक वर्ष नामांकित हो पाते हैं । बड़ा सवाल यह है कि शिवहर के 40 प्रतिभाशाली बच्चों के नवोदय विद्यालय में पढ़ने से बंचित रहने का दोषी कौन है क्योंकि इस गंभीर मुद्दे पर न तो जनप्रतिनिधि और न ही प्रशासनिक स्तर से अब तक मजबूत पहल हो सका है ।इस संबंध में जब शिवहर के आरटीआई कार्यकर्ता मुकुन्द प्रकाश मिश्र ने सूचना के अधिकार के तहत विभाग और विधालय से जानकारी मांगी तो आरटीआई रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्र एवं छात्राओं का छात्रावास न रहने के कारण शिवहर का नवोदय विद्यालय बी केटेगरी में आता है यही कारण है 40 ही बच्चे के प्रत्येक वर्ष नामांकन का ।
यह मामला जिला लोक शिकायत निवारण में पहुंचा लेकिन विधालय की स्थिति पहले जैसा ही है । लोक शिकायत में नवोदय विद्यालय के तरफ से पत्र के माध्यम से कहा गया है कि निर्माण इकाई द्वारा छात्रावास का आधा अधुरा निर्माण छोड़ कर चले जाने से छात्रावास का अधूरा निर्माण ही हो सका है। जिस कारण 40 बच्चे का नामांकन होता है । निर्माण कार्य पूरा करने हेतु विधालय द्वारा निर्माण इकाई से पत्राचार किया गया है परन्तु अब तक परिणाम शून्य है । पत्र में कहा गया है कि शिवहर जिला प्रशासन द्वारा अपेक्षित प्रयास किया जा सकता है क्योंकि जिला पदाधिकारी इस विधालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष हैं।गौरतलब है कि भवन के आधार अधूरा निर्माण के बावजूद 8/2/2016 को विधालय को स्थायी भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था ।
विद्यालय के जुड़ा सबसे बड़ा सच्चाई यह है कि नवोदय विद्यालय अत्यंत बदहाल अवस्था में है लोगों को उम्मीद था कि स्थाई भवन में जाने के बाद नवोदय विद्यालय के पठन-पाठन में सुधार होगा लेकिन बिसाही में स्थाई भवन मिलने के बावजूद भी नवोदय विद्यालय कई समस्याओं से जूझ रहा है विद्यालय परिसर चारदीवारी के अभाव में चरागाह बना रहता है । विद्यालय का चारदीवारी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है जिसके कारण विद्यालय में पढ़ रहा है बच्चे के सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा रहता है ।जबकि शिवहर से विद्यालय तक जाने का सड़क इस कदर जर्जर अवस्था में है कि न जाने कब विद्यालय का क्षतिग्रस्त हो जाए।
आरटीआई कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र का कहना है कि विद्यालय मे चारदीवारी निर्माण मिट्टी भराई तथा शिवहर से विद्यालय तक जाने वाला सड़क का निर्माण अत्यंत आवश्यक है साथ ही साथ अधूरा छात्रावास का निर्माण कराए जाने के लिए निर्माण कंपनी पर दबाव डाला जाना चाहिए ताकि प्रत्येक वर्ष जिला के प्रतिभाशाली 40 बच्चे नवोदय में पढ़ने से वंचित न रह सके ।सूचना के अधिकार और जिला लोक शिकायत में विधालय के द्वारा बताया गया कि इस विद्यालय का छात्र छात्रावास 5 यूनिट एवं छात्रा छात्रावास 0.5 यूनिट का कार्य निर्माण इकाई द्वारा आधा अधूरा छोड़कर चले जाने तथा संभागीय कार्यालय से बार -बार अनुरोध के पश्चात भी अभी तक वर्णित छात्रावास का कार्य पूर्ण नही होने के कारण तथा छात्र/छात्राओं के छात्रावास के अभाव में यह विद्यालय भी कटेगरी के अन्तर्गत है।
जिसके कारण वर्तमान में केवल 40 छात्र / छात्राओं का नामांकन प्रतिवर्ष कक्षा 6 में होता है ।तत्कालिन जिला पदाधिकारी श्री राज कुमार जी द्वारा विद्यालय वर्ष 2016 में अपने अस्थायी परिसर से स्थायी परिसर में आधा अधुरा निर्मित भवन में अत्याधिक दबाव द्वारा 08/02/16 को स्थानान्तरित हो गया ।भवन निर्माण सम्बंधि कार्यों का आवंटन एवं उसका पर्यवेक्षण मुख्यालय नवोदय विद्यालय निर्माण समिति बी-15 सेक्टर 62 गौतम बुद्धनगर 201309 उ0 प्र0 द्वारा किया जाता है। सम्बंधित अधुरे कार्यों को पूरा करने हेतु कई बार सम्भागीय कार्यालय को पत्र लिखा गया है। परन्तु अभी तक फलाफल शून्य है। इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन द्वारा अपेक्षित प्रयास किया जा सकता है क्योंकि जिला पदाधिकारी शिवहर इस विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष है।
जबकि प्रशासनिक अनुभाग, नवोदय विद्यालय समिति, क्षेत्रीय कार्यालय, पटना द्वारा उपलब्ध कराए गए जानकारी के अनुसार विधालय में 96 बेड का छात्र छात्रावास एवं 02 वार्डन आवास का कार्य 30.05.2023 को पूर्ण हो चूका है। बाकी कार्य को जल्द पूरा कर लिया जाएगा।एक अन्य पत्र के अनुसार विद्यालय फरवरी 2016 में अपने स्थाई भवन में शिफ्ट हुआ है तब से प्रत्येक वर्ष वर्ग 6 से 40 बच्चों का नामांकन हो रहा है। भवन का निर्माण कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। 01 छात्रावास तथा 01 बालक छात्रावास का निर्माण कार्य अधूरा है। चाहरदीवारी की उचाई पहले ही कम थी । अब तो कई जगहों पर चाहरदीवारी टूट-फूट गई है तथा चाहरदीवारी पर तार बांधना भी अभी बाकी है, जिसकी मरम्मती आवश्यक है।
01 स्टाफ क्वार्टर तथा अतिथि भवन का निर्माण कार्य भी अधूरा है, जिसके कारण कर्मचारियों के रहने में परेशानियों का सामना करना पड रहा है। शैक्षणिक भवन से बालिका छात्रावास का संपर्क मार्ग बनाना अति आवश्यक हैIसांसद श्रीमती रामा देवी द्वारा घोषित बहुदेशीय भवन (M.P.HALL) का निर्माण सांसद निधि से होना है, जिसका अभी तक शिलान्यास भी नहीं हुआ है। प्राचार्य आवास का भी निर्माण प्रारम्भ नहीं हुआ है। भोजनालय भवन, शैक्षणिक भवन का कुछ भाग, छात्रावास का कुछ हिस्सा तथा स्टाफ क्वार्टर के अधिकांश भाग का रुफ ट्रीटमेंट नहीं होने से वर्षा के समय छत से पानी टपकता रहता है । विद्यालय के शैक्षणिक भवन के ठीक सामने का गड्ढा अभी तक पूर्ण रूप में भरा नहीं गया है। विद्यालय में वर्ग 6 से 12 वी तक एकल वर्ग (SINGLE SECTION) के साथ विद्यार्थी आवासीय व्यवस्था में रहते हुए अध्ययन कर रहे हैं तथा निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण प्रत्येक वर्ष 40 बच्चे छठी वर्ग में नामांकन से वंचित हो रहे हैं।
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