पटना हाईकोर्ट से जनगणना को हरी झंडी

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट-सुमित सिंह

पटना: जातीय गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को नीतीश सरकार को बड़ी राहत दी है. जातीय सर्वेक्षण मामलें पर फैसला सुनाते कोर्ट ने बिहार सरकार को जातीय गणना कराने की अनुमति दे दी है. इस मामले में दायर विरोधियों की याचिका को पटना हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था.उन्होंने कहा कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध आंकड़ा एकत्रित करना है, जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाना है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना, शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियां देने के समय भी दी जाती है। एडवोकेट जनरल शाही ने कहा कि जातियां समाज का हिस्सा हैं, उन्होंने कहा कि हर धर्म में अलग अलग जातियाँ होती है।सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है। जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।

इससे पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।हालांकि पटना हाई कोर्ट ने जातीय गणना के विरोध में दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया. अब इस फैसले से नीतीश सरकार को बड़ी राहत मिली है. करीब 500 करोड़ रुपए की लागत से हो रहे सर्वे को अब जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जा सकता है.

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More