गिरिडीह:झारखण्ड में इन दिनों एक ओर जहां सरकारी भूमि पर अपना अपना जोर आजमाईश किए जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं,तो वहीं दूसरी ओर भू संबंधी मामलों में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भू माफियाओं की संलिप्तता भी उजागर होने लगे हैं।किंतु शासन प्रशासन द्वारा हाथ पर हाथ धरे बैठे होने की स्थिति में अब उंगली अधिकारियों की ओर उठने लगी हैं। हाल ही में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री सीपी राधाकृष्णन द्वारा भी राज्य में रोहिंग्याओ को पनाह देने का मामला उठाया गया था।बताया जाता है कि भू-माफियाओं की विशेषकर राज्य की सरकारी भूमि पर टेढ़ी नजर है।
जैसे तैसे अधिकारियों से गठजोड़ कर भूमि हथियाने की शिकायतें आम आदमी द्वारा किए जा रहे हैं।ऐसा ही मामला गिरिडीह जिले में सामने आया है,जहां निर्धन परिवार के लोग जमीन बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं,लेकिन उस कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है।गिरिडीह जिले में जमुआ अंचल कार्यालय के समक्ष मगहाकला पंचायत के ग्राम मगहाखुर्द ग्राम के 40 अल्पसंख्यक परिवार पिछले 28 दिनों से लगातार अपनी जमीन बचाने के लिए धरना पर बैठे हुए हैं। लेकिन अभी तक किसी पदाधिकारी या अल्पसंख्यक लोगों के रहनुमाई करने वाले नेता उनकी सुध लेने नहीं पहुंचे।
भाकपा माले की जमुआ कमेटी के कार्यकर्ता लगातार धरना पर बैठे इन गरीब किसानों के साथ हैं।उनका कहना है कि जमुआ अंचल में भूमाफियाओं और अधिकारियों की गठजोड़ है,लगता है जमुआ में भूमाफिया राज कायम हो गया है,राज्य सरकार में घूसखोरी से गरीबों को बहुत ही परेशानी होती है, जबकि झारखंड के गरीब मजदूर किसान को हेमंत सरकार से बहुत उम्मीद थी,लेकिन भ्रष्ट पदाधिकारी की वजह से जनता की उम्मीद टूटती जा रही है।
भाकपा माले नेता मो असगर अली ने मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि जिला और प्रखंड में भूमाफिया राज को खत्म करें,अन्यथा आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।धरना का आयोजन अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा किया गया है।इस धरना में उपस्थित मीना दास,रीतलाल वर्मा मो असगर अली,जिप सदस्य प्रतिनिधि मन्नौवर हसन, बंटी, जमुआ उपप्रमुख रब्बुल हसन रब्बानी, भागीरथ पंडि,त प्रतापपुर पंचायत समिति के गफूर अंसारी ,बल्गो पंचायत समिति लखन हंसदा, रामेश्वर ठाकुर,इस्माईल अंसारी, ताहिर अंसारी, आजमी आलम,साजदा परवीन, शहनाज खातून जाहिदा परवीन,तरन्नुम परवीन,रुकैया परवीन आदि शामिल थे।
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