शिवहर: इस जानकारी से अवगत करा दिया जाए पहले राजद, जदयू, कांग्रेस और वाम दलों का महागठबंधन और अब I.N.D.I.A. बनने के बाद माना जा रहा है कि लोक सभा चुनाव 2024 में बिहार में एनडीए के लिए मुश्किल स्थिति होगी. राजनीति के जानकार यह मानते हैं कि जदयू, लोजपा और बीजेपी ने मिलकर बिहार एनडीए ने लोक सभा चुनाव 2019 में जैसे 40 में 39 सीटें जीत लीं थीं, वैसा प्रदर्शन दोहराना नामुमकिन होगा. कई राजनीति के जानकार तो यहां तक कहते हैं कि कागज पर वोट प्रतिशत के हिसाब से तो बिहार एनडीए I.N.D.I.A. के सामने टिक भी नहीं पाएगा. ऐसे तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कुछ महीने का अभी आठ महीने से अधिक का समय है, लेकिन इसको लेकर अब अलग-अलग एजेंसियां अपनी सर्वे रिपोर्ट लेकर आ रही हैं. इसी क्रम में,हमारी मिडिया सर्वें आया है जिसमें बिहार को लेकर चौंकाने वाला परिणाम दिखाया गया है
किस दल को कितना मत प्रतिशत
सबसे पहले वोट प्रतिशत की बात करते हैं तो सर्वे के मुताबिक, बिहार एनडीए में शामिल बीजेपी- 34%, जेडीयू- 19%, आरजेडी- 18%, कांग्रेस- 08%, एलजेपी (पारस और चिराग गुट संयुक्त)- 06% और अन्य- 15% मत प्रतिशत अपने पाले में कर रही हैं. जबकि इंडिया महागठबंधन में शामिल जदयू-19%, राजद-18%, कांग्रेस-8% और अन्य के खाते में 15 प्रतिशत मत का अनुमान है.
किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?
इस मत प्रतिशत के आधार पर हमारी ओपिनियन पोल के अनुसार, बिहार में NDA को 24 और I.N.D.I.A. को 16 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. पार्टी के आधार पर बात करें तो सर्वे के अनुसार, 2019 के मुकाबले बिहार एनडीए को 13 सीटों की कमी के साथ भारी नुकसान होता दिख रहा है, लेकिन बीजेपी को पहले के 17 सीटों के मुकाबले 20 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, जेडीयू को 7, आरजेडी को 7 और कांग्रेस को 2 सीटें मिल सकती हैं. एलजेपी (R) को 2 सीट, आरएलजेपी को एक सीट और हम को एक सीट मिल सकती है.
बिहार में क्षेत्रवार सर्वे परिणाम पर भी नजर डालिए
बता दिया जाए हमारी सर्वे में क्षेत्रवार परिणाम देखा जाए तो नॉर्थ बिहार में 12 सीटें हैं. यहां से 8 सीटें एनडीए को तो वहीं महागठबंधन को 4 सीटें मिलती दिख रही हैं. मिथिलांचल में 9 सीटें हैं. यहां से 6 एनडीए को तो 3 महागठबंधन के खाते में जाती दिख रही है. सीमांचल में 3 एनडीए तो 4 महागठबंधन के पाले में जाता दिख रहा है. बता दें कि सीमांचल में मुस्लिम आबादी अधिक है और उनके वोट ज्यादा हैं. इसके अलावा भोजपुर में एनडीए को 7 सीटें तो महागठबंधन को 5 सीटें मिल रहीं हैं
नीतीश कुमार ने शुरू की विपक्षी एकता की मुहिम
यहां यह भी बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. बिहार में राजनीति भी अभी अलग चल रही है. बिहार में 2019 में बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा था. 40 में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार ये दोनों अलग हो गए हैं. इसलिए सबसे अधिक नजरें बिहार पर टिकी हैं. इसके पीछे कारण यह भी है कि एनडीए से अलग होने के बाद विपक्षी एकता की अगुवाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं.
सर्वे नतीजों पर खड़े होते रहे हैं सवाल
नीतीश कुमार ने ही सबसे पहले विपक्षी एकता मुहिम शुरू की और पहली बैठक पटना में 23 जून को हुई थी, जिसमें 17 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. इसके बाद 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक हुई जिसमें 26 दलों ने विपक्षी एकता मीटिंग में शिरकत की. दरअसल, लगातार रणनीति बनाई जा रही है कि कैसे 2024 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर किया जाए. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि आज लोकसभा का चुनाव हो जाए तो बिहार में नतीजे क्या होंगे? किसके पाले में कितनी सीटें जाएंगी? ऐसे सर्वे की सटीकता को लेकर प्रश्न खड़े किए जा सकते हैं, लेकिन ये एक संकेत जरूर करते हैं जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता है.
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