तीन साल बीते नहीं बन सका ओवरब्रिज

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

औरैया: रसूलाबाद मुख्य मार्ग पर पूर्वी रेलवे क्रासिंग हैं। यहां आसपास के लोगों की अधिक आवाजाही होने के चलते रेलवे ओवरब्रिज की मांग हो रही थी।रेलवे क्रॉसिंग पर लगती हैं लंबी कतारें इसके बाद में डेडीकेटेड फ्रंट कारीडोर की तीसरी और चौथी लाइन बन गई तो दिल्ली हावड़ा रेल रूट पर ट्रेनों की संख्या और बढ़ गई। अब कई बार आधे से पौन घंटे तक फाटक बंद कर ट्रेनें निकाली जाती हैं। ऐसे में रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।2019 में शुरू हुआ था काम फाटक खुलने पर यहां वाहन आपस में उलझ जाते हैं और जाम लगता है।

इससे वाहन सवारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्वी केबिन पर ओवरब्रिज की मांग शुरू हुई, तो शासन से मंजूरी मिलने पर 7 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2019 में काम शुरू कराया गया। लेकिन कोरोना काल में लोक डाउन लगने के बाद 8 महीने तक कार्य बंद रहा,जब फिर कार्य दुबारा शुरू तो कार्यदाई संस्था और किसानों के बीच सर्किल रेट से चार गुना मुवावजे को लेकर किसानों ने मुवावजा ना मिलने के कारण कार्य को रुकवा दिया। कार्यदाई संस्था और किसानों के बीच हुई बैठक में मुवावजे के बाद कार्य शुरू करने की सहमति बनी।

लेकिन कार्य अभी तक दुबारा नहीं शुरू हो सका है।सुस्ती से चल रहा है काम कार्यदायी संस्था उप्र सेतु निर्माण निगम की ओर से तीन साल में काम पूरा होने की बात कही गई थी। लेकिन काम बेहद सुस्त गति से चला। अब चौथे साल में भी काम अधूरा पड़ा है। इससे रेलवे फाटक पर जाम आम है। कई बार एंबुलेंस फंसने से मरीजों की जान पर बन आती है। जबकि ओवरब्रिज को 7 करोड़ की लागत से 900 मीटर बनाया जाना है, 6पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं।सेतु निगम के असिस्टेंट इंजीनियर एपी सिंह ने बताया किसानों के साथ चल रहा मुवाजे का विवाद अभी तक सुलझा नहीं है विवाद सुलझने के बाद निर्माण कार्य दुबारा शुरू किया जाएगा।

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