छत्तीसगढ़: गौरेला में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, आंगनबाड़ी सहायिका के मौजूद होने के बावजूद छात्र को बचाया नहीं जा सका। छात्र की मां ने दौड़कर बच्चे को मधुमक्खियों से छुड़ाया और अस्पताल लेकर गई। जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। तो वहीं दूसरे बच्चा का इलाज जारी है। मामला गौरेला के दौजरा गांव का है। परिजनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।बताया जा रहा है कि महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही के चलते पांच वर्षीय बच्चे की जान चली गई।
मामला गोरेला विकासखंड की दौजरा गांव के ऊपरपारा आंगनवाड़ी का है। जहां आंगनबाडी के टॉयलेट के अंदर खतरनाक मधुमक्खियों का एक बड़ा छत्ता मौजूद है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुपरवाइजर सहित विभाग ने पूरी तरह अनदेखी करते हुए उसको उसी के हाल में छोड़ दिया था। धीरे-धीरे मधुमक्खी का छत्ता करीब दो फीट बड़ा हो गया। बीती नौ अगस्त को दोपहर के वक्त जब पांच वर्षीय ऋषभ आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के साथ आंगनबाड़ी के सामने खेल रहा था। तभी मधुमक्खियों ने छात्रों पर हमला कर दिया। मधुमक्खी के हमले के बाद सारे बच्चे भाग गए।
ऋषभ और लक्ष्य ऐसा न कर सके। ऋषभ मधुमक्खियों के हमले की वजह से आगनबाड़ी केंद्र के सामने रखे जल जीवन मिशन योजना कर अंतर्गत रखें पाइप के रोल के अंदर गिर गया जबकि लक्ष्य बाहर जमीन पर गिर पड़ा।बाद में आंगनबाड़ी के सामने थोड़ी ही दूर पर मौजूद बच्चों की मां ने अपने बेटे ऋषभ की चीख पुकार सुनी तो बेटे को बचाने मां दौड़ पड़ी और खुले हाथों से ही बच्चे को उठाकर भागी और अपने आंचल में मधुमक्खियां हटाकर उसे छुपा लिया। इस दौरान मधुमक्खियों ने उसकी मां को भी काटा पर मां बच्चे को लेकर अस्पताल दौड़ी चली आई। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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