सड़क किनारे से अतिक्रमणों को हटाने के फैसले से हजारों परिवार होंगे बेघर : नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य
हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि नैनीताल जिले में सड़क किनारे कथित अतिक्रमणों को हटाने के फैसले से जिले के एक हजार से अधिक परिवार बेघर हो जायेंगे। ऐसे में राज्य सरकार को आगे बढ़कर इन परिवारों की रोजी-रोटी को बचाने के लिए वैधानिक उपाय करने चाहिए।
पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें बताया कि हाल ही में दिल्ली निवासी एक व्यक्ति के पत्र पर उच्च न्यायालय नैनीताल की खंडपीठ ने नैनीताल जिले में खुटानी मोड़ से लेकर पदमपुरी तक अतिक्रमण के कारण राजमार्ग की खराब स्थिति पर जिला प्रशासन से जबाब मांगा है। पत्र में शिकायत की गई है कि पदमपुरी में राजमार्ग के साथ सरकारी और वन भूमि पर अतिक्रमण कर वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, दुकानें और मंदिर भी बना दिए गए हैं। न्यायालय ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और प्रभागीय वनाधिकारियों से अतिक्रमणों के संबंध में जबाब मांगा है।
न्यायालय के जिला प्रशासन से जबाब मांगने के बाद हल्द्वानी-नैनीताल नेशनल हाईवे के किनारे भुजियाघाट, डोलमार, दोगांव, आमपड़ाव, नलेना, ज्योलीकोट आदि क्षेत्रों में वर्षों से जीवन यापन कर रहे दुकानदार, रेस्टोरेंट व होटल स्वामियों पर रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि रानीबाग, भीमताल, खुटानी, वीरभट्टी, गेठिया भूमियाधार, कालाढूंगी व नैनीताल मार्ग पर अपनी अस्थायी दुकान में लोग तीन-चार पीढ़ियों से अपना रोजगार चला रहे हैं। अब अचानक विभिन्न विभागों द्वारा उन्हें चिन्हित कर उनकी दुकानों को हटाने के आदेश से पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है जिससे ग्रामीण काफी परेशान हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इनमें से कई भवन लीज और सरकारी आँवटन पर बने हैं। इनमें से कई को समय-समय पर सरकार की विभिन्न योजनाओं में बैंकों से ऋण और सरकारों से सब्सिडी मिली हैं। सरकार में विभागों ने ही इन्हें बिजली व पानी जैसी सुविधाएं दी हैं। आज भी कई प्रतिष्ठानों की ऋण वापसी चल रही है ऐसे में कैसे इन सभी को अवैध माना जा सकता है।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर इसी तरह सालों से बसे लोगों को उजाड़ने की खबरें राज्य भर से लगातार आ रही हैं। राज्य भर के लोगों को एक साथ अतिक्रमण हटाने के नाम पर अस्थिर नहीं किया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार का कर्तव्य होता है कि वह मुसीबत आने पर राज्य की जनता के लिए जीवन यापन के तरीके खोजे पर यहां तो सरकार न्यायालय के आदेश की आड़ में वर्षों से जीवन यापन कर रहे लोगों को उजाड़ने का काम कर रही है।
सरकार को माननीय न्यायालय के सामने परेशान जनता और अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। सरकार को पहले इन सभी को भूमि आवंटित कर विस्थापित कर बसाना चाहिए फिर कोई कार्यवाही करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार को अध्यादेश और कानून लाकर प्रदेश की जनता को कानून की मार से बचाना चाहिए।
इससे पहले भी सरकार देहरादून में नदी के किनारे बसी बस्तियों को उच्च न्यायालय के आदेश से हटाने से बचाने के लिए पहले अध्यादेश और फिर विधानसभा में कानून लायी थी। अब सरकार को पूरे प्रदेश के हजारों परिवारों की रोजी-रोटी बचाने के लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए।
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