51 पार्थिव शिवलिंग का 51 जोडो द्वारा मां कालिकन धाम मे महारूद्राभिषेक व विशाल भंडारा संपन्न – संतोष सिंह

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

रिपोर्ट

सुलतानपुर अमेठी: रविवार को मा कालिकन धाम संग्रामपुर मे वरिष्ठ समाजसेवी मुंशीगंज निवासी संतोष सिंह गोवर्धनपुर के नेतृत्व मे 51 पार्थिव शिवलिंग का 51 जोडो के द्वारा महारूद्राभिषेक व विशाल भंडारा का भव्य आयोजन संपन्न हुआ ,कार्यक्रम मे हजारो की संख्या मे पहुंच श्रद्धालूओ ने।सहभागिता निभाई कार्यक्रम रविवार 13 अगस्त सुबह 9 बजे से शुरू होकर देर रात तक चलता रहा ।कार्यक्रम के आयोजक संतोष सिंह गोवर्धनपुर ने कहा कि रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है।

रुद्रहृदयोपनिषद में शिव के बारे में कहा गया है कि सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका अर्थात सभी देवताओं की आत्मा में रुद्र उपस्थित हैं और सभी देवता रुद्र की आत्मा हैं। हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। साधक रुद्राभिषेक पूजन विभिन्न विधि से तथा विविध मनोरथ को लेकर करते हैं। किसी खास मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाता है।वेदों में विद्वानों ने इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

पुराणों में तो इससे संबंधित अनेक कथाओं का विवरण प्राप्त होता है। वेदों और पुराणों में रुद्राभिषेक के बारे में कहा गया है कि रावण ने अपने दसों सिरों को काटकर उसके रक्त से शिवलिंग का अभिषेक किया था तथा सिरों को हवन की अग्नि को अर्पित कर दिया था जिससे वो त्रिलोकजयी हो गया।भस्मासुर ने शिवलिंग का अभिषेक अपनी आंखों के आंसुओं से किया तो वह भी भगवान के वरदान का पात्र बन गया। कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाओं को दूर करने के लिए रुद्राभिषेक आपके अभीष्ट सिद्धि के लिए फलदायक है।

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