लखनऊ:प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनता को नये विद्युत कनेक्शन आसानी से प्राप्त हों इसके लिए वर्तमान व्यवस्था में और सुधार एवं सरलीकरण किया जाये। उन्होनें कहा कि गाँव के गरीब व्यक्ति के लिये आनलाइन आवेदन करना कठिन होता है, इसलिये ऐसी व्यवस्था बनायी जाये, जिससे अशिक्षित, गरीब सभी आसानी से कनेक्शन प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि विद्युत सम्बन्धी कार्यों में पारदर्शिता हो, इसके लिये उपभोक्ता फ्रेन्डली व्यवस्था बनायी जाये।ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा आज शक्ति भवन में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होनें 31जुलाई से 06अगस्त,2023 तक एक सप्ताह का चलाये गयें जनप्रतिनिधयों से संवाद एवं सम्पर्क अभियान की प्रशंशा की।
उन्होनें कहा कि विभाग द्वारा किये गये इस प्रयास की जनप्रतिनिधयों नें खूब सराहना की। आगे भी विभाग के अधिकारियों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ सम्पर्क बना कर रखना है।मंत्री शर्मा ने क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समय में बदलने के लिये भी निर्देशित किया। उन्होनें कहा कि अभी भी अनेक स्थानों से यह शिकायतें आ रही है कि कतिपय ठेकेदार ट्रांसफार्मर बदलने में स्थानीय उपभोक्ताओं से अनुचित मांग करते हैं जो स्वीकार नहीं है। ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये तथा ट्रांसफार्मरों की ट्रैकिंग व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जाये जिसमें ट्रांसफॉर्मर के बदलनें के कार्यों में पारदर्शिता रहे, जिससे कोई भी अनुचित लाभ न ले सके।
ऊर्जा मंत्री शर्मा ने कहा कि सभी विद्युत कार्मिक अपनी कार्य संस्कृति एवं व्यवहार में सुधार लाएं। सभी अधिकारी व कर्मचारी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों का निर्वहन करें। उपभोक्ता को बेहतर विद्युत आपूर्ति प्रदान करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं उन्होंने कहा कि बिल न जमा होने से कनेक्शन काटने से पहले उपभोकता को अलर्ट मैसेज भेजें। बड़े बकायेदारों से वसूली के लिए मुनादी कराई जाए, उन्हें रात में भी फोन किया जाए। राजस्व वसूली बढ़ाने के लिए सभी उपभोक्ताओं को समय से सही बिल दिया जाए, साथ ही शत प्रतिशत बिलिंग कराई जाए।ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत लाइन को जोड़ने और काटने के लिए, लिए गए शटडाउन पर विशेष सावधानी बरतें, जिससे कि विद्युत दुर्घटना न होने पाए।
ऐसे कार्यों में शतर्क करने के लिए अलार्म सिस्टम को भी अपनाया जाए। साथ ही अनुरक्षण कार्यो के लिए शटडाउन लेने का एक निर्धारित समय निश्चित किया जाए, जिससे कि विद्युत कटौती से लोगों को परेशान न होना पड़े। शटडाउन लेने के लिए तकनीक का भी सहारा लिया जाए। उन्होनें विद्युत दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोक के लिये भी सख्त निर्देश दिये। उन्होनें कहा कि इसके लिये सभी डिस्काम प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण ढंग से त्वरित समाधान करने के प्रयास किए जाएं। ट्रांसफार्मर की खराबी पर उसके स्थान पर उसी क्षमता का या उससे अधिक क्षमता का ट्रांसफार्मर लगाया जाए, जिससे कि ट्रांसफार्मर को जलने से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि हम जितनी बिजली दें उतना राजस्व वसूलें। इसके लिए प्रत्येक उपभोक्ता से सम्पर्क किया जाये। उसे सही बिल देकर लगातार बिल जमा करने हेतु उससेे आग्रह भी किया जाये। बिजली विभाग को ही इसका लाभ मिलेगा और लोग बिजली बिल जमा करेंगे। कोई नहीं चाहता है कि उसका कनेक्शन कट जाये।ऊर्जा मंत्री नें कहा कि उपभोक्ता हमारे लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारा कार्य एवं व्यवहार ऐसा होना चाहिए जिससे उपभोक्ताआ के कार्य आसानी से हो सकें।ऊर्जा मंत्री नें बनारस, आगरा, मेरठ, लखनऊ तथा केस्कों वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशकों से विद्युत व्यवस्था, राजस्व वसूली, आरडीएसएस योजना की प्रगाति तथा विद्युत आपूर्ति आदि के बारे में विस्तृत पूंछ-ताछ की।
बैठक में उ0प्र0 पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डा0 आषीश गोयल नें कहा कि कनेक्शन देनें को सुलभ बनानें के लिये अब नयी व्यवस्था में अवर अभियन्ता एवं उपखण्ड अधिकारी आपत्ति नहीं कर पायेगा। उसे अधिषाशी अभियन्ता के माध्यम से ही उपभोक्ता को कनेक्शन न देने का कारण बताना होगा। इसी तरह एल0टी0 लाइन पर 50किवा तक कोई इस्टीमेट चार्ज नहीं पडेगा। इसको सख्ती से लागू किया जायेगा। उन्होनें बताया कि प्रदेश की विद्युत सम्बन्धी कार्यों के लिये लगभग 4000 करोड़ रूपया बिजनेस प्लान के अन्तर्गत सभी डिस्काम को दिये गये हैं, जो कि मार्च तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। इससे प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में बेहतर सुधार होगा। अध्यक्ष नें यह भी बताया कि प्रबन्ध निदेशकों एवं मुख्य अभियन्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वे विजलेन्स टीम को प्रतिदिन खुद चयनित स्थानों की सूची दें, जहाँ पर वे बिजली चोरी की जांच के लिये जाये।
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