झारखण्ड: लातेहार जिले में चंदवा थाना क्षेत्र के बरवाटोली गांव में बीती रात अज्ञात अपराधियों ने एक युवक प्रदुमन यादव (30) की गोली मारकर हत्या कर दी।हालांकि युवक की हत्या क्यों की गई इसकी जानकारी नहीं मिल पाई।मृत युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल भेज दिया गया।मिली जानकारी के मुताबिक,लातेहार और लोहरदगा जिले की सीमा पर स्थित चंदवा थाना क्षेत्र के बरवाटोली गांव निवासी प्रदुमन यादव वन विभाग में प्लांटेशन आदि का कार्य करता था। इसके वह अलावे टेम्पू भी चलाता था।
प्रदुम्न यादव के पिता सहंगू यादव ने बताया कि बीती रात एक रिश्तेदार का फोन आया था।फोन पर वे लोग बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान प्रदुमन ने उनसे फोन ले लिया और बातचीत करते हुए घर के बाहर निकल गया।इसी बीच अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ी।जब तक दौड़ कर वे लोग बाहर जाते तब तक किसी ने प्रद्युमन को गोली मार दी थी।जिसमें अंधेरा रहने के कारण पता नहीं चल पाया कि गोली किसने मारी। हालांकि घटनास्थल से कुछ लोगों के भागने की आवाज सुनाई पड़ रही थी।जब तक घर वाले कुछ समझ पाते तब तक प्रदुमन जमीन पर गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई।प्रदुमन के पिता ने बताया कि उसकी गांव में किसी से दुश्मनी भी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि उनका बेटा टेंपो चला कर अपना रोजगार करता था।इसके अलावा वन विभाग में पेड़ लगाने का भी काम करता था।अभी हाल के दिनों में इसने वन विभाग के पेड़ भी लगवाए थे।कभी-कभी समय मिलने पर वह टेंपो भी चलता था। घर में खेती-बाड़ी भी करने में यह व्यस्त रहता था। उन्होंने कहा कि ना तो उन लोगों का किसी से भी बात था और ना ही प्रदुमन की ही किसी से कोई दुश्मनी थी। आखिर किसने और क्यों उसकी हत्या कर दी यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है।इधर घटना के बाद पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन आरंभ कर दी है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मृतक के परिजनों से जानकारी ली जा रही है।
मामले को हर पहलू को ध्यान में रखकर जांच आरंभ कर दी गई। जल्द ही इस घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।हत्याकांड के बाद पूरे गांव में भय का माहौल उत्पन्न हो गया।बताया जाता है कि यह गांव घने जंगलों के बीच बसा हुआ है।जाने का रास्ता भी काफी दुर्गम है। कहने के लिए तो यह गांव लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में पड़ता है,परंतु इसकी भौगोलिक बनावट ऐसी है कि लोहरदगा जिले के कूड़ु थाना यहां से निकट है।चंदवा जाने के लिए यहां के ग्रामीणों को कूड़ु के रास्ते ही आना पड़ता है।गांव में इस प्रकार की घटना होने से ग्रामीणों में डर का माहौल उत्पन्न गया है।
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