रांची:बहुचर्चित 27 साल पुराने चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में रांची सीबीआई की विशेष कोर्ट ने फैसला सुना दिया। 21 जुलाई को इस केस से जुड़े सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।चारा घोटाले के कांड संख्या (आरसी 48ए/96) डोरंडा कोषागार मामले में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया। न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में सभी आरोपियों को सशरीर पेश होना था। जिसमें 124 आरोपियों के भाग्य का फैसला हो गया। कुल 124 आरोपियों में से 52 को तीन साल तक की सजा हुई। 37 अन्य को तीन साल से अधिक की सजा सुनाई गई।
वहीं 35 लोगों को रिहा कर दिया गया। तीन साल से अधिक सजा पाने वाले सभी 37 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आज सुनाई गई फैसले में पूर्व विधायक गुलशन अजवानी को भी 3 साल की सजा मिली।इस मामले में 616 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। सीबीआई ने इस मामले में कुल 192 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था और अभी ट्रायल फेस करने वाले आरोपितों की संख्या 124 है। इस दरमियान 62 आरोपितों का निधन भी चुका है। जानकारी के अनुसार चारा घोटाला मामले में आरोपियों की सबसे ज्यादा संख्या डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में ही है। बता दें कि इससे पूर्व चाईबासा, देवघर और दुमका मामले में फैसला सुनाया जा चुका है।
जिसमें लालू यादव समेत कई दोषियों को सजा सुनाई गई है।रांची कोर्ट ने जिन आरोपियों को बरी किया उनमें एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, राम सेवक साहू, दीनानाथ सहाय, साकेत, हरीश खन्ना, कैलाश मनी कश्यप बरी, बलदेव साहू, सिद्धार्थ कुमार, निर्मला प्रसाद, अनीता कुमारी, एकराम, मो हुसैन, सनाउल हक, सैरु निशा, चंचला सिन्हा, ज्योति कक्कड़, सरस्वती देवी, रामावतार सिन्हा, रीमा बड़ाईक और मधु पाठक का नाम शामिल है।बताते चलें कि चारा घोटाला 90 के दशक का देश के सबसे बड़े घोटाले के रूप में देखा जाता है। लालू यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यह घोटाला हुआ। जिसकी राशि करीब 950 करोड़ बताई गई थी।
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