जिले में बिना रजिस्ट्रेशन कोचिंग पर गिरेगी गाज, वसूला जाएगा जुर्माना

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज डेस्क /पटना

रिपोर्ट : सुमित सिंह

सभी जिलों एवं प्रखंड मुख्यालयों समेत अन्य कस्बों में संचालित प्रत्येक कोचिंग संस्थान को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद ही कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन होगा। नियमावली प्रभावी होने के 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन के लिए कोचिंग संस्थान को आवेदन करना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन तीन साल तक ही मान्य होगा। इसके बाद तीन हजार के शुल्क पर उसका नवीनीकरण होगा।

बिहार में तकरीबन 30 हजार कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसने के लिए जल्द बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली, 2023 लागू होगी। इसमें सबसे बड़ी पहल यह है कि राज्य में सरकारी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों की अवधि में कोचिंग पर बैन होगा।

जानकारी के मुताबिक, सभी जिलों एवं प्रखंड मुख्यालयों समेत अन्य कस्बों में संचालित प्रत्येक कोचिंग संस्थान को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद ही कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन होगा।

नियमावली प्रभावी होने के 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन के लिए कोचिंग संस्थान को आवेदन करना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन तीन साल तक ही मान्य होगा। इसके बाद तीन हजार के शुल्क पर उसका नवीनीकरण होगा।

नियमावली को लागू कराने की जवाबदेही डीएम पर

राज्य में कोचिंग संस्थानों पर नियमावली को प्रभावी ढंग से लागू कराने की जवाबदेही जिलाधिकारी की होगी। इस नियमावली के ड्राफ्ट (मसौदा) को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हस्ताक्षर से जारी होने के बाद विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, जिस पर शिक्षा विभाग ने सप्ताह भर में सुझाव मांगे हैं। सुझाव माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ईमेल पर देना है।

ड्राफ्ट के अनुसार, प्रत्येक कोचिंग संस्थान को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन के साथ भूमि-भवन से संबंधित कागजात, अग्निशमन का अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा कोचिंग संचालक और उससे जुड़े लोगों के पुलिस उपाधीक्षक से निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र देने होंगे।

ड्राफ्ट में किए गए प्रावधान के मुताबिक, कोचिंग संस्थान की प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम कारपेट एरिया 300 वर्ग फुट होगा। उसमें हर छात्र-छात्रा के लिए एक वर्ग मीटर की जगह की व्यवस्था होगी। पर्याप्त बेंच-डेस्क एवं कुर्सियां होंगी। विद्युतीकरण के साथ ही पर्याप्त रोशनी-पंखे और वायु वेंटिलेशन की सुविधा होगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे। प्रत्येक कक्षा में अग्निशामक यंत्र एवं प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा होगी।

कितनी लगेगी आवेदन शुल्क?

बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) अधिनियम, 2010 की धारा 9 के तहत बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली, 2023 लागू करने से पहले मंत्रिमंडल से मंजूरी ली जाएगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास रजिस्ट्रेशन के लिए कोचिंग संस्थानों को आवेदन करना होगा। आवेदन शुल्क पांच हजार रुपये जमा करने होंगे।

मानकों के अनुरूप नहीं पाए जाने या किसी तरह त्रुटिपूर्ण होने पर आवेदन रद्द होगा। आवेदन रिजेक्ट होने की स्थिति में अपील दायर करने की व्यवस्था होगी। जांच में आवेदन सही पाए जाने पर 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन रद करने का अधिकार भी जिलाधिकारी के पास होगा। इस कमेटी के अध्यक्ष जिलाधिकारी के अलावा सचिव जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिले के आरक्षी अधीक्षक और अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य सदस्य होंगे।

इस नियम का करना होगा पालन

नियमावली में कोचिंग संस्थानों के लिए आचार संहिता भी लागू करने का प्रावधान किया गया है। इसका अनुपालन कोचिंग संस्थानों के लिए अनिवार्य होगा। प्रावधान यह किया गया है कि सरकारी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों की अवधि में कोई भी कोचिंग संस्थान नहीं संचालित किए जाएंगे।

उसमें सरकारी विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोगों की किसी भी प्रकार की भागीदारी नहीं होगी। साथ ही कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी हर अनुमंडल में जांच कमेटी गठित करेंगे।

इसके अध्यक्ष अनुमंडल पदाधिकारी होंगे। कोई भी शिकायतकर्ता अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष कोचिंग संस्थान के खिलाफ शिकायत कर सकता है। जांच समिति 30 दिनों के अंदर जांच पूरी करेगी और अपनी अनुशंसा जिलाधिकारी को करेगी। इसके अलावा जिलाधिकारी के निर्देश पर पदाधिकारियों द्वारा कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण भी कराया जाएगा।

कब रद्द किया जा सकता है रजिस्ट्रेशन

किसी संस्थान को दो बार दंडित किया जा चुका हो तो प्राधिकार उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर देने के बाद पंजीकरण रद्द कर देगा। कोचिंग संस्थान का पंजीकरण रद्द किए किए जाने पर प्राधिकार रद्द संस्थान में नामांकित छात्रों को किसी अन्य संस्थान में भेजने को सक्षम होगा।

पंजीकरण रद्द हो जाने पर अगले दो सालों तक नए पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। रद्द पंजीकरण वाले कोचिंग के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद कोचिंग संस्थान पढ़ाना जारी रखता है तो जिलाधिकारी सभी चल संपत्तियों के साथ ऐसे परिसरों को जब्त करने के लिए सक्षम होंगे।

कोचिंग संस्थानों के मामलों की जांच गठित होने वाली कमेटी जिलाधिकारी द्वारा गठित की जाएगी। जांच कमेटी अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में होगी। इसमें अनुमंडल पुलिस अधिकारी या पुलिस उपाधीक्षक तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा प्रतिनियुक्त सदस्य होंगे।

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