नीरजपाराशर आचारय:
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* जय श्री राधे *
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll**
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दिनाँक:-03/09/2023, रविवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””'”””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– चतुर्थी 18:23:43 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– रेवती 10:37:17
योग————– वृद्वि 27:10:19
करण————– बव 07:31:15
करण———– बालव 18:23:43
करण———– कौलव 29:26:54
वार———————— रविवार
माह———————- भाद्रपद
चन्द्र राशि——- मीन 10:37:17
चन्द्र राशि——————– मेष
सूर्य राशि——————- सिंह
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————- 2080
गुजराती संवत————- 2079
शक संवत—————— 1945
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:59:55
सूर्यास्त————— 18:36:58
दिन काल————- 12:37:03
रात्री काल————- 11:23:24
चंद्रास्त—————- 09:16:42
चंद्रोदय—————- 20:55:51
लग्न—- सिंह 16°6′ , 136°6′
सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र——————- रेवती
नक्षत्र पाया——————–स्वर्ण
??? पद, चरण ???
ची—- रेवती 10:37:17
चु—- अश्विनी 16:15:18
चे—- अश्विनी 21:55:57
चो—- अश्विनी 27:39:19
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= सिंह 16:30, पू o फाo 1 मो
चन्द्र=मीन 27:30 , रेवती , 3 झ
बुध =सिंह 22:3°: 34′ पू o फा o, 3 टी
शुक्र=कर्क 18°05, अश्लेषा ‘ 1 डी
मंगल=कन्या 09°30 ‘ उ oफाo’ 4 पी
गुरु=मेष 21°30 ‘ भरणी , 3 ले
शनि=कुम्भ 09°13 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मेष 03°05 अश्विनी , 1 चू
केतु=(व) तुला 03°05 चित्रा , 3 रा
??? शुभा$शुभ मुहूर्त ???
राहू काल 17:02 – 18:37 अशुभ
यम घंटा 12:18 – 13:53 अशुभ
गुली काल 15:28 – 17: 02अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:44 शुभ
दूर मुहूर्त 16:56 – 17:47 अशुभ
वर्ज्यम 29:34* – 31:07* अशुभ
?गंड मूल अहोरात्र अशुभ
?पंचक 05:59 – 10:37 अशुभ
?चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:59 – 07:35 अशुभ
चर 07:35 – 09:09 शुभ
लाभ 09:09 – 10:44 शुभ
अमृत 10:44 – 12:18 शुभ
काल 12:18 – 13:53 अशुभ
शुभ 13:53 – 15:28 शुभ
रोग 15:28 – 17:02 अशुभ
उद्वेग 17:02 – 18:37 अशुभ
?चोघडिया, रात
शुभ 18:37 – 20:02 शुभ
अमृत 20:02 – 21:28 शुभ
चर 21:28 – 22:53 शुभ
रोग 22:53 – 24:19* अशुभ
काल 24:19* – 25:44* अशुभ
लाभ 25:44* – 27:10* शुभ
उद्वेग 27:10* – 28:35* अशुभ
शुभ 28:35* – 30:00* शुभ
?होरा, दिन
सूर्य 05:59 – 07:03
शुक्र 07:03 – 08:06
बुध 08:06 – 09:09
चन्द्र 09:09 – 10:12
शनि 10:12 – 11:15
बृहस्पति 11:15 – 12:18
मंगल 12:18 – 13:22
सूर्य 13:22 – 14:25
शुक्र 14:25 – 15:28
बुध 15:28 – 16:31
चन्द्र 16:31 – 17:34
शनि 17:34 – 18:37
?होरा, रात
बृहस्पति 18:37 – 19:34
मंगल 19:34 – 20:31
सूर्य 20:31 – 21:28
शुक्र 21:28 – 22:25
बुध 22:25 – 23:22
चन्द्र 23:22 – 24:19
शनि 24:19* – 25:16
बृहस्पति 25:16* – 26:13
मंगल 26:13* – 27:10
सूर्य 27:10* – 28:06
शुक्र 28:06* – 29:03
बुध 29:03* – 30:00
? उदयलग्न प्रवेशकाल ?
सिंह > 03:56 से 06:10 तक
कन्या > 06:10 से 08:22 तक
तुला > 08:22 से 10:36 तक
वृश्चिक > 10:36 से 12:54 तक
धनु > 12:54 से 14:50 तक
मकर > 14:50 से 16:44 तक
कुम्भ > 16:40 से 18:16 तक
मीन > 18:16 से 19:46 तक
मेष > 19:46 से 21:26 तक
वृषभ > 21:26 से 23:24 तक
मिथुन > 23:24 से 01:36 तक
कर्क > 01:36 से 03:50 तक
?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 4 + 1 + 1 = 21 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
? शिव वास एवं फल -:
19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
*बहुला चतुर्थी ,चन्द्रोदय रात्रि 20:59
*पंचक समाप्त 10:37
??? शुभ विचार ???
प्रत्युत्थानञ्च युध्द्ञ्च संविभागञ्च बन्धुषु ।
स्वयमाक्रम्यभुक्तञ्चशिक्षेच्चत्वारिकुक्कुटात् ।।
।। चा o नी o।।
१८. मुर्गे से हे चार बाते सीखे…
१. सही समय पर उठे.
२. नीडर बने और लढ़े.
३. संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित बटवारा करे.
४. अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे.
??? सुभाषितानि ???
गीता -: सांख्ययोग अo-02
व्यामिश्रेणेव वाक्येन बुद्धिं मोहयसीव मे ।,
तदेकं वद निश्चित्य येन श्रेयोऽहमाप्नुयाम् ॥,
आप मिले हुए-से वचनों से मेरी बुद्धि को मानो मोहित कर रहे हैं।, इसलिए उस एक बात को निश्चित करके कहिए जिससे मैं कल्याण को प्राप्त हो जाऊँ॥,॥,॥,
?? दैनिक राशिफल ??
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
?मेष
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। खर्चों में वृद्धि से चिंता होगी। संतान के रोजगार की समस्या का समाधान संभव है। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। कश्मकश दूर होगी। स्वजनों से भेंट होगी।
?वृष
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। पराक्रम बढ़ेगा। जीवनसाथी से आर्थिक मतभेद हो सकते हैं। कामकाज में आशानुरूप स्थिति बनेगी। संतान के व्यवहार पर नजर रखें।
?मिथुन
बुरी खबर मिल सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से लाभ होगा। आपसी विचार-विमर्श लाभप्रद रहेगा।
?कर्क
योजना फलीभूत होगी। नए अनुबंध होंगे। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी व भागदौड़ से काम करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाएं। अच्छे मित्र से भेंट होगी। पराक्रम की वृद्धि होगी। समाज-परिवार में आदर मिलेगा।
?सिंह
राजकीय सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम बिलकुल न लें। धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। व्यापार व नौकरी में हितकारकों की पूर्ण कृपा रहेगी। गृह उपयोगी वस्तुएं क्रय करेंगे। नए संबंधों के प्रति सतर्क रहें।
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