मंडल के किसानों को 20 साल के सूखे ने 80 अरब का कर्जदार बना दिया

बुंदेलखंड में पिछले 50 वर्षों में 20 वर्ष ऐसे रहे की की देवी आपदाओं ने किसानो की फसलों को बर्बाद किया

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

बांदा/आश्चर्यजनक खबर। मंडल का किसान खरबपती बनने की कगार पर है। अभी वह 80 अरब की ऊंचाई पर पहुंच गया है। हमारे खबर के आश्चर्य का विश्लेषण यह है की बीस साल के सूखे ने किसानों को अभी तक 80 अरब का कर्जदार बना दिया।

बुंदेलखंड में पिछले 50 वर्षों में करीब 20 वर्ष ऐसे रहे कि दैवीय आपदाओं ने किसानों की फसलें बर्बाद हुईं।दो दशक से सूखे से जूझ रहे बुंदेलखंड के किसान आर्थिक रूप से उबर नहीं पा रहे हैं। आय दोगुनी करने के सरकारी दावे भी खोखले साबित हुये। आंकड़ों की माने तो चित्रकूटधाम मंडल में चार लाख से अधिक किसानों पर कर्ज है। इन पर करीब 80 अरब से अधिक का कर्ज है। इनमें एक लाख से अधिक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने बैंक से करीब 35 अरब रुपये का कर्ज ले रखा है। बैंक के तमाम “चबुकों” के बाद भी लौटा नहीं पा रहे है।

बैंकों ने अपनी रकम “बटटे खाते” में डाल दी है। दूसरी ओर शासन को सूखा न्यूनीकरण प्रबंधन के तहत मंडल मे सौ करोड़ की कार्ययोजना भेजी गई है।कृषि रिपोर्ट की माने तो 1972 व 1973 में मंडल सूखाग्रस्त रहा। पांच साल तक कुछ फसल ठीकठाक रही और 1979 में मानसून फिर दगा दे गया। एक साल बाद 1980 व 1983 तक लगातार मंडल सूखे की विभीषिका से जूझता रहा।

1986 व 87 में भी मानसून रूठा रहा। इसके बाद 1990 से 1993 तक व 1997, 1998 मे भी कुदरत ने साथ नहीं दिया। वर्ष 2003, 2005, 2011, 2016, 2017 और 2020 में भी मंडल सूखाग्रस्त रहा।उप निदेशक कृषि विजय कुमार सुहाने सपने दिखाते हैं। उनका का कहना है कि सरकार की सूखा न्यूनीकरण प्रबंधन योजना के तहत जिले में खेत-तालाब, पशुपालन, उद्यान जैसी तमाम योजनाएं संचालित हैं। इधर, विभागों ने 100 करोड़ की कार्ययोजना और भेजी है। उम्मीद है कम बारिश पर भी किसान खेती से मालामाल होंगे।

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