जोशीमठ के बाद अब समस्याओं से घिरा धाम बद्रीनाथ

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज 

बद्रीनाथ: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन पर दरारों से लोग अभी उबरे भी नहीं हैं कि पड़ोस के ही बद्रीनाध धाम को लेकर सामने आई जानकारी से चिंता बढ़ गई है। बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य गेट सिंहद्वार में दरारें पड़ी हैं। कुछ दिनों पहले देखी गईं इन दरारों के बारे में जनता को सूचना नहीं दी गई थी। भू-धंसाव की सूचना के बाद हड़कंप की स्थिति के मद्देनजर पुरातत्व सर्वे विभाग ने मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार एएसआई अधिकारियों ने टीम भेजकर ग्राउंड सर्वे किया और पाया कि मंदिर के द्वार पर पड़ीं इन दरारों की वजह बारिश और अन्य पर्यावरण से जुड़े फैक्टर हैं। गौरतलब है कि बद्रीनाथ से जोशीमठ की दूरी केवल 40 किलोमीटर की ही है, जहां पर इस साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर भू-धंसाव की खबर आई थी, जिसकी वजह भी बारिश और पर्यावरणीय मुद्दों को बताया गया था।

निमार्ण कार्य है पुराना
सिंहद्वार का निर्माण 17वीं सदी में बद्रीनाथ मंदिर के मौजूदा परिसर के साथ ही हुआ था। इसके दोनों तरफ कई देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हुई हैं। 1990 में सिंहद्वार की आखिरी बार मरम्मत की गई थी। अभी निरीक्षण में पाया गया कि दीवार की पत्थरों के बीच गैप अधिक हो गया है। पुरातत्व विशेषज्ञ मनोज सक्सेना के अनुसार एक सप्ताह से मरम्मत हो रहा है, जो आगे जारी रहेगा। केंद्र सरकार की तरफ से मरम्मत कार्य जल्द पूरा करने का निर्देश जारी हुआ है, जिसमें राज्य सरकार की संस्कृति विभाग के सहयोग से काम हो रहा है।

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