फतेहपुर की अमौली ब्लाक भ्रष्टाचार में नंबर 1 बिना दाम नहीं होता काम

कमीशन के खेल खेल मे चक्कर मे मुसीबत झेल रहे किसान

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

संवाददाता

अमौली/फतेहपुर। सरकार बड़े-बड़े दावे करती है तो वही बेसहारा गोवंश सड़कों घूमते रहते हैं। जिससे किसानो की फसल जब तैयार हुई तो खा जाते है। जिससे किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वही ज्यादातर गोवंश रोड पर घूमने के कारण राहगीरों व दुकानदारों को समस्या होती है।

अमौली विकासखंड के सबसे नजदीक स्थित ग्राम सभा मदरी गौशाला की व्यवस्था नहीं होने से बेसहारा गोवंश दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। जहां लाखों रुपये का बजट खर्च होने के बाद भी इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है। बता दे की इन दिनों अमौली ब्लाक भ्रष्टाचार में अपनी अलग पहचान बना रहा हैं | यहाँ अगर कोई कार्य करना होता है तो पहले अमौली ब्लाॅक के अधिकारियों को चढ़ावा नही चढ़ता तब तक कोई फाइल आगे नही जाती है।

कच्ची पुराई व पक्के काम मे ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी हर जगह चढ़ावा देना होगा | अगर नही दिया तो आपकी फाइल धूल खाती रह जायेगी। अभी हाल ही मे मदरी ग्राम सभा मे बन रही गौशाला को एक साल पूरे होने को है लेकिन अभी तक बावन्ड्री वाल पूरी नही हो पायी बोर्वेल टूबवेल् का कार्य हुआ।आस पास के किसान तो सोच रहे थे की गौशाला बनेगी तो चैन की नींद सोयेंगे।

शायद किसानो की उम्मीदों मे पानी सा फेर गया। इधर जब ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक गौशाला का पेमेंट नहीं हुआ ना ही बोरवेल का हुआ और ग्राम विकास अधिकारी कमीशन मांग रहे हैं। जिससे न देने पर अधिकारी कोई पेमेंट कर रहा है लगभग डेढ़ साल हो गए अभी तक मेरा मानदेय नहीं मिला | ना ही ग्राम पंचायत सहायक व सामुदायिक शौचालय केयरटेकर का पेमेंट हुआ। जब पेमेंट को अगर बोला जाता है तो ग्राम विकास अधिकारी कमीशन मांगते हैं जो अधिकारी अपने हाथो से लिस्ट बनाते हैं की इतना कमीशन हमारा।

कमीशन ना देने पर पेमेंट देने से मना करते हैं | न तो मुझे अभी तक मेरा डोंगल मिला जो ग्राम विकास अधिकारी के पास है। मेरे बिना हस्ताक्षर किये लगभग 6 लाख का इंटरलॉकिंग का पैसा निकाल लिया गया।

 ग्राम प्रधान लवकुश सचान ने बताया कि अगर मेरा मानदेय नहीं मिला तो मैं जिलाधिकारी को ज्ञापन देते हुए अपने प्रधान पद से इस्तीफा दे दूंगा |

उधर जब जानकारी खंड विकास अधिकारी से दूरभाष से सम्पर्क करना चाहा तो लेकिन उन्होंने बात करना उचित नहीं समझे और फोन काट दिया।

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