रिमाडलिंग इंटरलाकिंग से ट्रेन रद्द और तिल तिलकर कष्ट भोगता मजदूर यात्री*

  राष्ट्रीय जजमेंट \हरिशंकरपाराशर

*कटनी l रेलवे के रिमोडलिंग कार्य के चलते लगभग 30 ट्रेन रद्द की गई हैं एवम 11 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है साथ ही चार लोकल यात्री ट्रेन को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया l बस फिलहाल एक यात्री ट्रेन मेमो ट्रेन क्र.11602 का परिचालन किया जा रहा है l विकास का डंका बजाने वाली परियोजनाएं कोरोना काल से आज अमृत काल तक पूरी नहीं हो पाई हैं आए दिन ट्रेन रद्द होने से आम नागरिक का जीवन नर्क हो चुका है इनकी आय न्यूनतम है ये अपने पैरों में हवाई चप्पल डालकर इंतजार कर रहे हैं उस घोषणा के पूरी होने का जिसमें इन्हे सपना दिखाया गया था कि तुम हवाई चप्पल पहनकर हवाई जहाज में उड़ सकते हो l खैर ये जानते थे कि सपने क्यों दिखाए जाते हैं और धरातल में कांटे क्यों बिछाए जाते हैं l आज कटनी के सभी रेल स्टेशनों पर यात्रा के लिए घिसटती प्लेटफार्म से लेकर बाहर सड़क तक पसरी हुई ग़रीबी के दर्शन किए जा सकते हैं कि कैसे परिवार का परिवार रेल यात्रा के लिए उस नरक को भोगता है जिसे सनातन कथाओं में रौरव नर्क के नाम से जाना जाता है l*

लोकल यात्री ट्रेन को रद्द करने की वजह से मुड़वारा स्टेशन में रोजाना हजारों की संख्या में ग्रामीण यात्री पहुंच रहे है lइस वजह से स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया से लेकर स्टेशन के अंदर यात्रियों की भीड़ का दबबाव बढ़ता जा रहा है lट्रेन नही होने की वजह से ग्रामीण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे रेलवे अधिकारियों से लेकर रेल कर्मचारी तक इनकी देखरेख और व्यवस्थाओं को लेकर परेशान होते हुए नजर आ रहे है।आप देख सकते है इन तस्वीरो में हजारों की संख्या में यात्री अपनी ट्रेन को लेकर किस तरह परेशान होते नजर आ रहे है l दरअसल रेलवे के रिमोडलिंग कार्य के चलते 16 सितंबर से ट्रेन का संचालन बंद है l रेलवे ने चार लोकल यात्री ट्रेन को सॉर्ट टर्मिनेट किया है l जिसमे चार ट्रेनों में से एक मात्र ट्रेन 11602 मेमो का संचालन किया जा रहा है lबहरहाल 18236 एवम 11271 अप एंड डाउन ट्रेन के बंद होने से मुड़वारा स्टेशन में यात्रीयों की भीड़ बढ़ती जा रही है lयही वजह है की स्टेशन परिसर में पैर रखने की जगह नही है l

*गुस्से में हैं मजदूर यात्री जिनके लिए एसी में बैठकर बनाई जाती है महाकल्याण योजनाएं*

भीड़ में आधे यात्रियों को बोगी में घुसने को नहीं मिलता और मेमो ट्रेन के छुटने के दौरान वे रोकने की कोशिश भी करते हैं लेकिन कोई फायदा नहीं उन्हें अगले दिन तक फिर प्लेटफार्म पर सड़ना होगा lउसकी वजह यात्रियों में गुस्सा देखा जा रहा है दो से तीन दिन होने के बाद ट्रेन में जगह नही मिलने पर यात्रियों का सब्र का बांध अब टूटने लगा है lजिससे वह ट्रेन तक रोकने पर आमादा होने लगे है हालाकि स्टेशन प्रबंधक ने कल से एक और मेमो ट्रेन चलाने की बात की है जिससे यात्रियों को अपने गंतत्व तक पहुंचने में सुविधा हो सके।

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