आगरा में सत्संगियों ने पुलिस पर किया पथराव

Satsangis pelted stones at police in Agra

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट – विष्णु कान्त शर्मा

थाना क्षेत्र न्यू आगरा में 28 अप्रैल, 2023 को पोइया घाट पर 155 बीघा जमीन कब्जाने के साथ 10 हेक्टेयर जमीन पर गेट लगाने के मामले में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। नोटिस का समय बीतने पर शनिवार को बुलडोजर चलाया गया। बीते सप्ताह सभा के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्षों को भूमाफिया घोषित करने की सिफारिश तहसील स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स कर चुकी है।

राधास्वामी सत्संग सभा के सत्संगियों द्वारा किए गए अवैध कब्जे को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। दिन में प्रशासन ने कार्रवाई की और रात में फिर से पहुंचे सत्संगियों ने गेट लगाकर रास्ता बंद कर दिया। इसके बाद सुबह दयालबाग रोड पर जानवरों को छोड़ दिया, जिससे यहां से गुजरने वाले लोग परेशान रहे। बंद रास्ते से निकलते समय एक ग्रामीण और छात्र सत्संगियों के कोप का शिकार हो गए। खासपुर में रास्ते से हटाए गेट की जगह सत्संगियों ने लोहे के कंटीले तारों से बैरिकेडिंग कर दी। शाम को भारी संख्या में सत्संगी ध्वस्तीकरण स्थलों पर पहुंचे। हाथों में लाठी, सिर पर हेलमेट पहने हुए सत्संगियों को देख ग्रामीण घरों में छिप गए। रविवार को सत्संगियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। सत्संगियों के पथराव में कई पत्रकार भी घायल हुए हैं। हमले में घायल पत्रकार उप्पल की हालत गंभीर है।

आपको बता दें दयालबाग के खेतों, चकरोड पर कब्जा करने के मामले में राधास्वामी सत्संग सभा के खिलाफ 113 साल में पहली बार प्रशासन का बुलडोजर चला है। सत्संग सभा ने 1949 से लेकर अब तक हर बार जमीन के विवाद में प्रशासन को उनके खेतों पर फटकने नहीं दिया। पहली बार 6 गेटों के टूटने के साथ सत्संगियों का गुरूर भी टूटा है।

जानकारी के अनुसार राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग 26 मार्च 1910 में बनी थी। राधास्वामी सभा का साम्राज्य काफी मजबूत है। इनके यहां पर सुरक्षा, निगरानी और यातायात के लिए समितियां बनी हैं। इसके साथ ही खुद के बैंक राधास्वामी अरबन कोऑपरेटिव बैंक हैं, जिसमें सत्संगियों के ही खाते खोले जाते हैं, डाकखाना और कोतवाली भी हैं। पहली बार आजाद भारत में 1949 में विद्युत नगर का रास्ता बंद करने के मामले में कलेक्ट्रेट में लोगों ने इनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। उसके बाद लगातार प्रदर्शन, पथराव, गोलीबारी, मारपीट के मामले होते गए, पर प्रशासन एक बार भी कार्रवाई नहीं कर पाया। पूर्व विधायक विजय सिंह राणा ने 1984 में आंदोलन की शुरूआत की, पर सत्संग सभा ने कब्जे नहीं हटाए। पहली बार शनिवार को डीएम भानु चंद्र गोस्वामी के आदेश पर सत्संग सभा के 6 गेट ध्वस्त किए गए। ध्वस्तीकरण के समय 1 डीसीपी, 2 अपर पुलिस उपायुक्त, 10 निरीक्षक, 40 एसआई, 150 सिपाही (पुरुष) और100 (महिला), 2 दमकल (वाटर कैनन), 8 टीयर गैस टीम मौजूद रहीं।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More