कर्मा की डाली विसर्जन करने गयी 11 बच्चे डूबे,3 शव मिले 

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

हजारीबाग/धनबाद।

झारखंड में आदिवासियों द्वारा मनाए जाने वाले प्रकृति पर्व कर्मा की शुरुआत से लेकर समापन तक बच्चों एवं बच्चियों की मौत का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा।

जिसमें जिले के चौपारण प्रखंड के ओबरा गांव की तीन बच्चियां मंगलवार को बराकर नदी की तेजधार में बह गयी।बताया जाता है कि तीनो बच्चियां गांव के अन्य महिलाओं के साथ नदी में करमा की डाली विसर्जन करने गयी थी। इसी बीच पैर फिसल गया और तीनों पानी की तेजधार में चली गयी।इधर सूचना के बाद प्रशासन का अमला घटनास्थल पर पहुंच गया।स्थानीय लोग और गोताखोर खोजबीन में लगे हुए थे।एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया।वहीं इस घटना की सूचना मिलने के बाद इलाके में हड़कम्प मच गया। भारी संख्या में लोग घटना स्थल पर पहुँचे।

ओबरा गांव की कुछ बच्चियां मंगलवार को करमा डाली का विसर्जन करने बड़ाकर नदी गईं थीं। इस दौरान नदी के तेजधार में 6 बच्चियां बही गयीं। स्थानीय लोगों ने किसी तरह तीन को बाहर निकाल लिया।लेकिन तीन बच्चियां नदी में बह गईं। बताया गया कि बच्चियां गांव की अन्य महिलाओं के साथ नदी में करमा की डाली प्रवाहित करने गयीं थीं।इसी बीच पैर फिसल गया और वे तेजदार पानी की धार में चली गयीं।घटना की सूचना के बाद प्रशासन का अमला घटनास्थल पर पहुंच गया।जिसके बाद गोताखोरों की टीम को बुलाया गया।संवाद प्रेषण तक एक शव को बाहर निकाला जा सका था।वहीं दो की खोजबीन जारी थी।जानकारी के अनुसार धनबाद जिले के बाघमारा थाना क्षेत्र की जमुनिया नदी में करम डाली विसर्जन के दौरान पांच बच्चे नहाने के लिए नदी में उतरे और गहरी धार में चले गए। नदी में अत्यधिक पानी रहने के कारण पांचो बच्चे बहने लगे। नदी के आसपास मौजूद लोगों की उन पर नजर पड़ी। लोगों ने बड़ी मशक्कत के बाद सभी पांचों को नदी से बाहर निकाला और बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पताल ले गये। जहां डॉक्टरों ने दो बच्चे सलोनी कुमारी (14 वर्ष) और देवराज कुमार (10 वर्ष) को मृत घोषित

कर दिया।घटना के बाद इलाके में कोहराम मच गया।

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