राजस्थान में राहुल गांधी, बीजेपी पर जमकर साधा निशाना

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़ 

राजस्थान में साल 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अपनी तैयारियां तेज कर दी है. इन तैयारियों के बीच 24 सितंबर को राहुल गांधी जयपुर पहुंचे. यहां उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया जिससे कांग्रेस नेता हैरान भी हुए और चितिंत भी.दरअसल राजस्थान में अब तक विधानसभा चुनाव को लेकर जितनी भी रैलियां या प्रचार प्रसार हुए हैं, उसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा है कि इस बार भी सत्ता में कांग्रेस की ही वापसी होगी. गहलोत समेत कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अलग-अलग मंचों पर दावा किया है कि कांग्रेस ने राजस्थान में एक बेहतरीन मॉडल का शासन दिया है जिसे अन्य राज्य भी फॉलो कर रहे हैं. इसलिए इतना तो तय की इस बार राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस की ही वापसी होगी.

लेकिन 24 सितंबर को एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने राजस्थान में जीत को लेकर संशय जता दिया. राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, ‘कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जीत रही है, शायद तेलंगाना भी जीत रही है और राजस्थान में बहुत करीबी मुकाबला है.

राहुल गांधी के बयान ने सभी को हैरान कर के रख दिया है. इसके साथ ही राहुल के बयान के कई सियासी मायने भी निकाले जाने लगें.दरअसल राहुल गांधी के इस बयान के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी के इस बयान को मैं और पार्टी के सभी कार्यकर्ता चुनौती की तरह लेते हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने हमें चुनौती दी है कि आप जीत के बताओ तो हम इस चुनौती को स्वीकार्य करते हैं. हमारे राज्य में सभी नेता एकजुट हैं और हम उम्मीद करते हैं कि हमें इस एकजुटता का परिणाम जरूर मिलेगा.

राहुल के इस बयान का एक कारण राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच की कड़वाहट हो सकती है. दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक अदावत जगजाहिर है. राहुल लाख कोशिशों के बाद भी राजस्थान के दो कद्दावर नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट को एक साथ बैठा नहीं पा रहे हैं. हालांकि कुछ समय पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव से पहले राज्य के सभी नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ होकर चुनाव लड़ने को कहा था और सार्वजनिक बयानबाजी ना करने की भी हिदायत दी थी.

जिसके बाद पिछले कुछ दिनों में अशोक गहलोत और पायलट की तरफ से तो कोई बयानबाजी नहीं की गई. लेकिन, दोनों के समर्थक नेताओं का समय-समय पर जरूर सामने आता रहा है.

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