समग्र जीवन दर्शन है-श्रीमदभागवत कथा—योगी आदित्यनाथ*

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

*कथा प्रथम दिन*

गोरखपुर।युगपुरुष ब्राह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 54वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ के अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ जी महाराज माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश ने कहा कि गोरक्षपीठ प्रतिवर्ष श्री रामकथा तथा श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा का आयोजन करती है। उसी क्रम में इस वर्ष हमारे बीच में श्रीमद्भागवत कथा के विश्वविश्रुत विद्वान् भागवत भास्कर श्री कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुर जी महाराज उपस्थित हैं। हम आयोजन समिति तथा सभी गोरखपुर वासियों की तरफ से आपका स्वागत करते हैं।
श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा न केवल एक कथा है अपितु समग्र जीवन दर्शन है। इस संसार में कर्म के फल से हीं सुख-दुख प्राप्त होता है। कर्म से यदि स्वर्ग भी प्राप्त होता है तो वह भी नित्य नहीं है । क्योंकि जब तक पुण्य है तभी तक स्वर्ग भोग करेंगे, जब पुण्य क्षीण होगा तो पुनः मृत्यु लोक में आना पड़ेगा। ऐसे में इस आवागमन के चक्र से मुक्ति का मार्ग बताने वाली कथा श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा है, जो जीव को भवचक्र से मुक्ति दिलाती है।
यह कथा सबसे पहले इसी उत्तर प्रदेश की भूमि नैमिषारण्य में सुनाई गई थी, जहां पूरे भारत के ऋषि, मुनि एकत्र होकर इस कथा को सुनते हैं। वहीं से पूरे विश्व में इसका प्रसार होता है।
उन्होने कहा कि यह कथा प्रतिवर्ष आयोजित होती है लोग सुनते हैं और जानते भी हैं कि इसमें किसकी कथा है ? क्या सुनना है ? फिर भी हजारों _ लाखों की संख्या में लोग सुनने आते हैं क्योंकि लोग जानते हैं कि यह हमारे पूर्वजों की कथा है, इसमें हमारी संस्कृति की कथा है तथा इसमें भगवान की लीला का वर्णन है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने जीवन के दायित्व के साथ-साथ धर्म का आचरण करना और प्रभु की लीला का श्रवण करना चाहिए क्योंकि कहा गया है जहां धर्म होता है वहीं विजय भी होती है । पहले की सरकारों ने सनातन धर्म की उपेक्षा की तथा कथा को काल्पनिक बताया । परंतु वर्तमान सरकार बनने के बाद आज धार्मिक स्थलों का पुनुरुद्धार हो रहा है, जो 19 47 में ही हो जाना चाहिए था।
अयोध्या से पधारे पूज्य अवधेश दास जी महाराज ने कहा कि गोरक्षपीठ प्रतिवर्ष भगवान की कथा गोरखपुर वासियों के लिए प्रसिद्ध कथावाचकों से कराती है ,यह बहुत ही सुखद है। कथा मर्मज्ञ श्री कृष्ण चंद्र ठाकुर जी का आगमन गोरखपुर वासियों के लिए सौभाग्य का विषय है ।
अयोध्या से पधारे पूज्य राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि श्री कृष्णचंद्र शास्त्री “ठाकुर जी” श्रीमद्भागवत की साक्षात् सचल मूर्ति है । इनके मुखारविंद से कथा का श्रवण करना सौभाग्य की बात है।
कथा व्यास वृंदावन मथुरा से पधारे भागवत भास्कर श्री कृष्णचंद्र शास्त्री ” ठाकुर जी” ने व्यासपीठ से कहा कि जो शिव साक्षात् विश्वास के प्रतीक हैं , बड़े-बड़े सिद्ध, महात्मा, तत्वज्ञ भी उनकी कृपा के बिना अपने अंदर विद्यमान आत्मतत्व को नहीं जान पाते , ऐसे भगवान शिव के अवतार भगवान गोरक्ष की सिद्ध भूमि यह गोरक्षपीठ अत्यंत पुण्य क्षेत्र है।
भगवान के दर्शन से भी अधिक महत्व सत्संग का है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने स्वर्ग तथा अपवर्ग के सुखों की अपेक्षा सत्संग का महत्व बताया है। संतों व महापुरुषों के साथ एक क्षण बिताना भी जीवन के कल्याण का कारक बनता है।
वेद के बाद जितने भी पुराण, स्मृतियाँ, धर्मग्रंथ ,रामायण, महाभारत इत्यादि लिखे गए यह सभी उत्तर प्रदेश में ही लिखे गए हैं। वेदव्यास जी द्वारा लिखित जो अंतिम ग्रंथ श्रीमद्भागवत महापुराण है ,इसमें सभी शास्त्रों का निचोड़ है। इस पुराण के मंगलाचरण में भगवान के स्वरूप को सत, चित और आनंद के रूप में बताया गया है। इसी सच्चिदानंद परमात्मा को योगीजन संसार की उत्पत्ति का कारण बताते है। उसी की कृपा से तापत्रय का नाश होता है। मनसा वाचा कर्मणा इन तीनों पापों का भोग सांसारीजन इस संसार में करते हैं। इन तीन प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाली कथा यह श्रीमद्भागवत कथा है। यह कथा हमारे अंदर व बाहर की सप्त ग्रंथियों का भेदन करती है। इस कथा को श्रवण करने से श्रोता के हृदय में भगवान की भक्ति का उदय होता है । वह सर्वत्र भगवान का और भगवान में सब का दर्शन करने लगता है। ऐसे भक्त के हृदय में भगवान स्वयं निवास करते हैं। श्रीमद्भागवत की कथा के मंगलाचरण में वेदव्यास जी ने किसी देवता की वंदना नहीं की अपितु सत्य की वंदना की है । वह कहते हैं कि सत्य ही धर्म सत्य है, सत्य ही परम सत्ता है, सत्य ही नारायण है और सत्यनारायण परमात्मा की पावन कथा सुनना परम धर्म है । यह कथा सुनने से भक्त पापों से छुटकारा पाकर परमानंद का अनुभव करता है।
कथा का इतना महत्व है कि जिस समय अपने कथा सुनने के लिए सोच भी लिया उसी समय गोविंद आपके हृदय में प्रवेश कर जाते हैं।कथा का समापन आरती एवं प्रसाद वितरण से हुआ। । कथा में यजमानगण अनुज जालान, जितेन्द्र बहादुर सिंह, अशोक जालान, अजय सिंह, अवधेश सिंह, महेश पोद्दार, विकास जालान, उमेश अग्रहरि व भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, जिला अध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह , विधायक प्रदीप शुक्ला, पूर्व विधायक बृजेश सिंह, अरुणेश शाही, रणजीत सिंह, पी के मल्ल आनन्द शाही, विजय शंकर यादव,माधवेंद्र राज उपस्थित रहे।
संचालन डॉ अरविन्द चतुर्वेदी ने किया ।
कथा के पूर्व श्रीमद्भागवत पुराण की शोभा यात्रा श्रीनाथजी मंदिर में विधिवत पूजन के पश्चात गोरक्षपीठाधीश्वर परमपूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज के नेतृत्व में कथास्थल पर पहुंची जहां अखंड ज्योति को विधिवत वैदिक मंत्रों के बीच पूज्य गोरक्ष पीठाधीश्वर ने स्थापित किया तथा श्रीमद्भागवत पुराण को व्यास मंच पर स्थापित किया । शोभा यात्रा में कथा व्यास श्री कृष्णचंद्र ठाकुर जी, स्वामी राघवाचार्य जी, योगी कमलनाथ जी, योगी धर्मेन्द्र नाथ, महंत सुरेशदास, संतोषदास सतुआबाबा, महंत रविन्द्रदास, सहित बड़ी संख्या में कथा प्रेमी उपस्थित रहे।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More