भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बदला

rashtriya judgement news

किसी भी देश की सैन्य ताकत से उसके आवाम में सुरक्षा की भावना पैदा होती है और देश की रक्षा की खातिर अपने जान की बाजी लगाना त्याग का सबसे बड़ा उदाहरण भी माना जाता है। प्राचीन धर्म ग्रंथों तक में लिखा गया है कि ‘जननी, जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी बढ़कर है। दशकों से भारत अपने पश्चिमी सीमा पार से आतंकी हमले झेल रहा है। साल 2016 और आज ही की तारीख सितंबर का वो वक्त जब दुनिया भर के लोगों की नींद खुली तो टीवी पर एक ही खबर चल रही थी। भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस और पराक्रम की। ये दिन भारत के इतिहास का सबसे बड़ा दिन बन गया। जब इंडियन आर्मी के जवानों ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।

18 सितंबर, 2016 के शुरुआती घंटों में चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार की, लगभग छह किलोमीटर तक ट्रैकिंग करने के बाद जम्मू-कश्मीर के उरी शहर में एक भारी सुरक्षा वाले सैन्य शिविर में सेंध लगाई और एक बड़ा ग्रेनेड हमला किया। आतंकियों का निशाना एक एक अस्थायी रूप से बनाए गए तेल डिपो थे। ईंधन डिपो के बगल में कैनवास टेंट थे जहां 5 बिहार के सैनिक सो रहे थे। ग्रेनेड हमले के साथ-साथ ईंधन डिपो में बड़े पैमाने पर विस्फोट हुए, जिससे तंबू नष्ट हो गए। कम से कम 14 सैनिक आग की लपटों में घिर गए। आग से बचने की कोशिश में चार और लोगों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी।सैनिकों की शहादत ने देश को झकझोड़ दिया था। दुश्मन ने भारत को जितना नुकसान पहुंचाया था। भारत के लिए भी वो जरूरी हो गया था कि उसे दोगुना नुकसान पहुंचाया जाए।

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