मणिपुर के इंफाल में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर हमले की कोशिश और फिर हिंसक झड़पों के बाद शुक्रवार (29 सितंबर) सुबह इंफाल घाटी में हालात शांतिपूर्वक रहे. हालांकि, इलाके में तनाव अभी भी बना हुआ है. अधिकारियों ने इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिलों में सूबह 5 बजे से सुबह 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी, ताकि लोग जरूरी सामान और दवाएं खरीद सकें.आधिकारिक आदेश के अनुसार कर्फ्यू में दी गई छूट के तहत किसी को भी शख्स को सभा, बड़े पैमाने पर आंदोलन और धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंफाल घाटी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने गुरुवार (28 सितंबर) की रात सीएम के पैतृक घर पर हमला करने की कोशिश की. जवाब में सुरक्षाबलों ने भीड़ पर कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे और हमले को नाकाम कर दिया मामले में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंफाल के हिंगांग इलाके में मुख्यमंत्री के खाली पड़े पैतृक घर पर हमले की कोशिश की गई. हालांकि, सुरक्षा बलों ने भीड़ को घर से लगभग 100-150 मीटर दूर रोक दिया.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गुरुवार (28 सितंबर) की रात राज्य की राजधानी में कई जगहों पर सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कई लोग घायल हो गए. यह हिंसा इंफाल पूर्व के हट्टा मिनुथोंग इलाके में दो छात्रों की हत्या के खिलाफ आयोजित एक रैली को सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने के बाद हुई थी.
सूत्रों ने बताया कि घटना में कई लोग घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके अलावा गुरुवार देर रात को ही भीड़ ने इंफाल पूर्व के चेकोन में एक घर में आग लगा दी.
अधिकारियों ने बताया कि बाद में अग्निशमनकर्मियों ने आग पर काबू पा लिया. उन्होंने कहा कि इंफाल पूर्वी जिले के वांगखेई, खुरई और कोंगबा में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों की मूवमेंट रोकने के लिए टायर जलाए और सड़कों को लोहे के पाइप और पत्थरों की मदद से ब्लॉक कर दिया.इस बीच मणिपुर सरकार ने गुरुवार को अत्यधिक बल के कथित इस्तेमाल की शिकायतों को वेरिफाई करने के लिए एक समिति का गठन किया गया. साथ ही राज्य में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने के लिए CAPF के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी हुई.
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