एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर ठगे 40 लाख

राष्ट्रीय जजमेंट

राँची।

राजधानी में एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर एक गिरोह सक्रिय है। जो राँची के पढ़े लिखे और पैसे वाले लोगो को झांसे में लेकर लाखों रुपए की ठगी कर रहा है। राँची के दो लोगो से उनके बच्चों का पुणे और मुंबई के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर इस गिरोह के सदस्यों ने 40 लाख रुपए की ठगी कर ली। इस संबंध में दोनों ठगी के शिकार लोगो ने डोरंडा थाने में तीन के विरुद्ध मोहन सिंह, अक्षत सिंह, विक्रम सिंह पर नामजद व अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। पहली प्राथमिकी गौरी शंकर नगर डोरंडा के रहने वाले पेशे से इंजीनियर राजा अरविंद सिंह ने 22 लाख 22 हजार रुपए ठगी की दर्ज कराया है। वहीं दूसरी प्राथमिकी पेशे से मेडिकल दुकान के संचालक हिनू साकेत नगर निवासी अरविंद सिंह ने 18 लाख 25 हजार रुपए की दर्ज कराई है। पुलिस दोनों मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है।

दर्ज प्राथमिकी में राजा अरविंद सिंह ने बताया कि उनकी बेटी ने इस वर्ष नीट की परीक्षा दी थी। लेकिन उसका रैंक अच्छा नहीं आया। इस वजह से किसी भी अच्छे कॉलेज में उसका एमबीबीएस में दाखिला नहीं हो सका। 20 जून की शाम चार बजे उन्हें किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह डोरंडा के गौरीशंकर नगर से अरुणोदय सर्विसेज कोलकाता का स्टॉफ बोल रहा है। उसने कहा कि वह अच्छे मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला करा सकता है। इसपर राजा अरविंद सिंह ने उस व्यक्ति को घर मिलने के लिए बुलाया। जब वह उनके घर आया को एडमिशन के टर्म कंडीशन के बारे में बात हुई।

उसने कहा कि वह सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पुणे में एडमिशन करवा सकता है। इसपर राजा अरविंद सिंह तैयार हो गए। उसने कहा कि एडमिशन में 65 लाख 21 हजार रुपए, कैपिटेशन फी के रुप में 10 लाख और एक लाख रुपए उसकी कंसल्टेंसी फी कुल 76 लाख 21 हजार रुपए लगेंगे। बात तय होने पर उसने तुरंत एडमिशन फार्म और उसकी कंपनी के साथ एग्रीमेंट के लिए स्टॉप पेपर उसने दिए। खर्च के नाम पर उसने 10 हजार रुपए भी लिए। फिर उसने एक मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि इस नंबर पर संपर्क में रहिएगा। ताकि एडमिशन के आगे की प्रोसेस की जानकारी उन्हें मिलती रही। इसके बाद राजा अरविंद सिंह का कंपनी के तीन लोग केएन सिंह, अक्षत सिंह और विक्रम महला से समय समय पर बात होने लगी। तीनों उन्हें एडमिशन कराने का लगातार आश्वासन देने लगे।

दो सिंतबर को उन लोगो ने राजा अरविंद सिंह को बेटी के साथ अरुणोदय कंपनी के कोलकाता स्थित कार्यालय में आने के लिए कहा। वे कोलकाता गए। उन लोगो ने एडमिशन के लिए उनसे एग्रीमेंट करवाया। इसके बाद 10 लाख रुपए का पोस्ट डेटेड चेक उनसे लिया। चेक अरुणोदय सर्विसेज के नाम पर लिया गया। इसके बाद 26 सितंबर को उन लोगो ने उन्हें पुणे सिंबॉयसिस हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एडमिशन के लिए बुलाया। वे अपनी बेटी और पत्नी के साथ 25 सितंबर की शाम पुणे पहुंचे। पुणे में अरुणोदय के कर्मियों ने होटल बुक कर दो कमरों की जानकारी राजा अरविंद सिंह को भेजी की आप उसी जगह रुके। 27 सितंबर को अरुणोदय सर्विसेज के कर्मी उनसे मिलने के लिए होटल में आए। उन लोगो ने उनसे सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का एडमिशन फार्म उनसे भरवाया और 10 लाख रुपए फिर नगद लिए। इसके बाद कहा कि आज लेटर हो गया है इसलिए एडमिशन का प्रोसेस नहीं हो पाएगा। उन लोगो ने कहा कि आपको जब फोन करेंगे तब आप लोग यूनिवर्सिटी आ जाइएगा। दूसरे दिन अरुणोदय का कोई भी व्यक्ति होटल नहीं आया।

राजा अरविंद सिंह ने उनसे फोन पर बात करने की कोशिश की। लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद राजा अरविंद सिंह, अपनी पत्नी व बेटी के साथ अगले दिन सिंबॉयसिस यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च सेंटर पहुंचे। वहां के कर्मियों से अरुणोदय सर्विसेस के कर्मियों के बारे में पूछताछ की और एडमिशन के लिए कहा तो जानकारी मिली कि ऐसी कोई कंपनी के साथ उनका करार नहीं है। ना ही उनके कॉलेज में डोनेशन से कोई एडमिशन होता है। उन्हीं लोगो ने बताया कि वे लोग ठगी के शिकार हो गए है। उन लोगो ने राजा अरविंद सिंह से कुल 22 लाख 22 हजार रुपए की ठगी की कर लिया।

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