भारत और चीन के बीच जारी तनाव को कम करने के ताजा प्रयासों का कोई नतीजा नहीं

राष्ट्रीय जजमेंट

भारत और चीन के बीच जारी तनाव को कम करने के ताजा प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकल सका है। हम आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच हुई दो दिवसीय सैन्य वार्ता से कोई सफलता नहीं मिली। इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परोक्ष रूप से चीन पर निशाना साधते हुए कहा है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान के साथ-साथ एक बहुपक्षीय नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था हिंद महासागर को एक मजबूत समुदाय के रूप में पुनर्जीवित करने का आधार है। हम आपको बता दें कि भारत की टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब चीन इस क्षेत्र में लगातार अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।जहां तक दोनों देशों के बीच हुई सैन्य वार्ता की बात है तो आपको बता दें कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य एवं शीघ्र समाधान के लिए ‘‘खुलकर एवं रचनात्मक तरीके से’’ दो दिवसीय बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने नौ और 10 अक्टूबर को हुई 20वें दौर की सैन्य वार्ता के संबंध में बुधवार को एक बयान जारी किया जिसमें टकराव के शेष बिंदुओं पर लंबित गतिरोध को समाप्त करने में कोई बड़ी सफलता मिलने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला। ऐसा समझा जाता है कि वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर दिया। मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक तंत्रों के माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई। हम आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था। कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More