भारीजा ग्राम में स्थित आदिशक्ति पहाड़ों वाली दुर्गा माता मंदिर में घटस्थापना के साथ ही नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रा प्रारम्भ।

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नवरात्रा महोत्सव विशेष – सुरेश कुमावत

दांतारामगढ़ (सीकर) सुरेश कुमावत । सीकर जिले के दांतारामगढ़ तहसील के भारीजा गाँव मे पहाड़ी पर स्थित माताजी मंदिर में सार्वजनिक दुर्गा पूजा एवं नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रा महोत्सव रविवार को घट स्थापना के साथ प्रारंभ हो गया। जय अम्बे विकास समिति भारीजा के सचिव बंजरग सिंह शेखावत व सदस्यों तथा पुजारी प्रेमचंदजी स्वामी, राधाकिशनजी स्वामी, जगदीशजी प्रसाद स्वामी ने बताया कि रविवार को मंदिर को फुलो से सजाया गया । 11:15 बजे घट स्थापना के साथ ही नवरात्रा महोत्सव प्रारंभ। नवरात्र में नौ दिन तक कन्या भोजन, भंडारा प्रसादी, रामायण पाठ सहित माता के दरबार में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
यहां नवरात्रा के दिनो में काफी संख्या में महिलाएं ग्रामीण जन माता के दरबार में पहुंच कर धोख लगाकर माता का आशीर्वाद लेते हैं । दुर्गाष्टमी पर माता के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। रोज शाम को भजन संध्या संगीत, रामायण पाठ का आयोजन किया जाता है, यहां प्रवासियों में महाराष्ट्र, गुजरात दिल्ली, आस-पास के गांव जयपुर कुचामन माउंट आबू सहित संपूर्ण भारत से काफी संख्या में भक्त माता के दरबार में पहुंचते हैं।

भारीजा में स्थित आदिशक्ति पहाड़ों वाली माताजी मंदिर के रोचक तथ्य-

भारीजा में स्थित यह मंदिर एक प्राकृतिक आवरण रूपी पहाड़ी पर स्थित है, जिसके कारण पहाड़ों वाली माता मंदिर के नाम से जाना जाने लगा, जहां से प्रकृति का नजारा देखने लायक बहुत ही शानदार दिखाई देता है। यह मंदिर धार्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस मंदिर से लगभग 30 किलोमीटर के दायरे में खाटूश्यामजी मन्दिर तथा जीणमाताजी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। जय अम्बे विकास समिति भारीजा के सचिव बंजरग सिंह शेखावत व सदस्यों तथा पुजारी प्रेमचंद स्वामी, राधाकिशनजी स्वामी, जगदीशजी प्रसाद स्वामी ने बताया कि पहाड़ों वाली माता की पूजा लगभग 18वीं सदी में सर्वप्रथम कुमावत परिवार के एक महिला द्वारा सेवा की जाती थी, उसके बाद वैष्णव परिवार की महिला के द्वारा फिर जमनदासजी महाराज के द्वारा सेवा पूजा की जाने लगी, जमनदासजी महाराज को वचन सिद्धि पूजारी कहा जाता था, किंवदंती है कि जमनदासजी महाराज, माताजी के सामने मुख करते हुए जो बोल देते थे वो बात सही होती थी। वर्तमान में जमनदासजी महाराज के परिवार से प्रेमचंद जी स्वामी पूजा कर रहे हैं । यह अग्रवाल समाज की कुलदेवी हैं, जिनका जात जडुला यहां चढ़ाया जाता है। माताजी की पहाड़ी के नीचे तालाब है जो पनसागर के नाम से जाना जाता है, तालाब के पास ही गार्डन है। मंदिर के पीछे शेर की गुफा है जो आज भी है। स्थानीय बुजुर्गों व समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 1970 तक यहां इस गुफा में शेर रहता था। जानकारी सूत्रों के अनुसार पांडवों ने वनवास काल में कुछ समय यहां बिताए थे। इस पहाड़ी पर सबसे ज्यादा धौ वृक्ष है जिनकी खास विशेषता है कि यह वृक्ष गर्मियों में सुखा सा लगता है, तथा यह आस पास के अन्य पहाड़ियों पर बहुत कम है। यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर भी पाये जाते हैं। समिति के सचिव बंजरग सिंह शेखावत ने बताया कि भारीजा पंचायत के नीचे लगभग 52 हजार बीघा जमीन है।

भारीजा ग्राम के अनेक सिपाहियों ने विभिन्न युद्ध में लिया भाग, माता की कृपा से नहीं हुआ किसी को कोई नुकसान

किंवदंती सुत्रो के अनुसार भारीजा ग्राम के फौज में तैनात जवानों ने देश की सेवा करने के लिए लगभग सभी युद्धों में जिसमें आजाद हिन्द फौज, विश्व युद्ध, देश की आजादी के समय, करगिल युद्ध, में भाग लिया लेकिन किसी को कोई हानि, क्षति नहीं हुई, यह सब पहाड़ों वाली माताजी भारीजा की कृपा है। सभी फौजी ड्यूटी पर जाते समय ओर वापस आते समय सर्वप्रथम माताजी मंदिर में धोक लगाते हैं। वहीं माताजी के पुजारी प्रेमचंद जी व समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि पहले जब आक्रमणकारी या लूटपाट करने वाले आते थे तो माताजी आवाज लगाकर सबको सचेत कर देती थी।

टीवी सीरियल कलाकारों ने भी माता के दरबार में शुटिंग की है

टीवी जगत के प्रख्यात निर्देश रवींद्र गौतम और अग्रणी लेखक रघुवीर शेखावत भारीजा अपने नए धारावाहिक श्रावणी की शूटिंग करने पहाड़ों वाली शक्तिपीठ दुर्गा माता के दरबार में आए थे। जानकारी के अनुसार लेखक रघुवीर सिंह, भारिजा के रहने वाले हैं इन्होंने दीया और बाती, बालिका वधू लाडो प्रीत अल्टो की पलटन आदि धारावाहिक लिखें।

मंदिर का पुनर्निर्माण, जिर्णोद्धार – भारीजा में स्थित पहाड़ों वाली माता का मंदिर पहले साधारण मंदिर था उसके बाद मंदिर समिति, प्रवासियों, जन सेवको के द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण, जिर्णोद्धार किया गया, जिसमें धुलिया महाराष्ट्र के निवासी हंसराज अग्रवाल का विशेष सहयोग रहा। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर के निमार्ण कार्य में अयोध्या में जो राम मंदिर निर्माण में पत्थर लगे हैं, वहीं पत्थर इस मंदिर में लगे हैं।

मंदिर का शिल्यानास – जय अम्बे विकास समिति भारीजा के सचिव बंजरग सिंह शेखावत ने बताया कि माताजी मंदिर का शिलान्यास अयोध्या राम मंदिर के पुजारी, प्रन्यास के वर्तमान अध्यक्ष श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज के द्वारा किया गया।

आगामी मंदिर योजनाएं – समिति के सदस्यों ने बताया कि माताजी मंदिर स्थान को एक धार्मिक पर्यटक स्थल बनाया जायेगा। यहां धर्मशाला व वाटरपार्क बनाया जायेगा।

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