भारतीय वायु सेना विमानों को उतारने की सुविधाओं की क्षमता विकसित कर रही

राष्ट्रीय जजमेंट

एयर मार्शल एस. पी. धारकर ने रविवार को कहा कि भारतीय वायु सेना विमानों को उतारने की सुविधाओं की कमी को कम करने के लिए देश के पूर्वी हिस्से में असैन्य सहित किसी भी उपलब्ध हवाई ठिकाने का उपयोग करने की अपनी क्षमता विकसित कर रही है।उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी वायु कमान देश के हवाई क्षेत्र और सीमाओं की अधिक कुशल तरीके से रक्षा करने में सक्षम होने के लिए सभी नवीनतम तकनीकों को अपना रही है। धारकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारे पास कई हवाई ठिकाने हैं। हमारे पास क्षमता है और हम इस क्षेत्र में मौजूद हर हवाई ठिकाने का उपयोग करने में सक्षम होने की क्षमता का निर्माण कर रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि वायुसेना असैन्य हवाई ठिकाने या सैन्य हवाई ठिकाने या यहां तक कि ‘एडवांस लैंडिंग ग्राउंड’ का जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करने की क्षमता विकसित कर रही है। वायु सेना के पूर्वी कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल धारकर ने कहा, ‘‘हमारे पास वह क्षमता है और हम इस योजना पर कायम हैं। इस संबंध में निरंतर सुधार हो रहा है। कम हवाई क्षेत्रों की उपलब्धता या सीमा केवल समय की बात है।’’

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More