25 सालों बाद सिंधिया घराना चुनावी मैदान से दूर नजर आ रहा

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की दूसरी सूची में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के नाम आने के बाद ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि आगे की लिस्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आ सकता है।सिंधिया को लेकर पार्टी के पास तीन विकल्प थे, जिसमें शिवपुरी, ग्वालियर पूर्व और दक्षिण शामिल थे। लेकिन भाजपा ने पांचवी सूची में इन तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।पहली बार मध्य प्रदेश में 25 सालों बाद सिंधिया घराना चुनावी मैदान से दूर नजर आ रहा है, दरअसल जैसी शनिवार शाम भाजपा की प्रत्याशियों की 5वीं सूची जारी हुई, वैसे ही सिंधिया घराने के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस खत्म हो गया। जिसमें लोग एक दूसरे से पूछ रहे थे कि केंद्रीय मंत्री ज्योति राज्य सिंधिया को किस सीट से भाजपा चुनावी मैदान में उतरेगी?भाजपा द्वारा केंद्रीय मंत्री और सांसदों को उम्मीदवार बनाने के बाद ग्वालियर चंबल में हर गली चौपाल पर चुनावी चर्चा में बस एक ही चर्चा थी कि महाराज यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया कहां से चुनाव लड़ेंगे इस बीच यशोधरा राज्य ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। तब से यह संभावना जताई जाने लगी थी कि सिंधिया शिवपुरी से उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं।सोशल मीडिया पर सिंधिया समर्थकों और विरोधियों में एक ही उत्सुकता थी कि जब इस चुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री के दावेदार हर चेहरे को चुनाव में उतार दिया है तो फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम क्यों नहीं है? अब जबकि सिंधिया चुनावी रण में नहीं है तो समर्थकों लग रहा है कि उनके मुख्यमंत्री की बनने की संभावनाएं कमजोर पड़ जाएगी। वे दिल्ली के नेता ही कहलाएंगे सिंधिया के समर्थकों का यह डर कुछ हद तक सही भी हो सकता है।

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