कोलकाता। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की मौजूदगी में धरना खत्म कर दिया। वे कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार पर सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ रविवार रात से धरने पर बैठी थीं।
इससे पहले मंगलवार सुबह सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया। कुमार को शिलॉन्ग स्थित सीबीआई दफ्तर में पेश होना होगा।
नायडू मंगलवार को ममता से मुलाकात करने धरना स्थल पहुंचे। यहां ममता ने कहा- केंद्र सरकार राज्य की एजेंसियों समेत सभी जांच एजेंसियों पर नियंत्रण रखना चाहती है। मोदी को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर गुजरात लौट जाना चाहिए। यह एक आदमी और एक पार्टी की सरकार है।
राजीव को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा- सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए यह भी साफ किया कि राजीव को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। कोर्ट के आदेश को ममता ने संविधान और अपनी जीत करार दिया है। वहीं, भाजपा ने इसे सीबीआई की जीत बताया है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
इससे पहले रविवार को सीबीआई की टीम राजीव से पूछताछ करने कोलकाता पहुंची थी। कोलकाता पुलिस ने सीबीआई को ऐसा करने से रोक दिया था। सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थीं। उधर, सीबीआई ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। सीबीआई की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस ने शारदा घोटाले के सबूतों से छेड़छाड़ की।
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अटॉर्नी जनरल ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, कुमार इसके प्रमुख थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को नोटिस जारी किया है, जिसका जवाब उन्हें 20 फरवरी के पहले देना होगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई में बंगाल के प्रमुख सचिव, डीजीपी और कुमार को व्यक्तिगत रूप से भी पेश होने को भी कहा।
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कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने राजीव कुमार की तरफ से पैरवी की। उन्होंने आरोप लगाया कि कुमार पर कार्रवाई कर सीबीआई अपने नंबर बढ़वाना चाहती है।
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सुप्रीम कोर्ट ने कुमार को मेघालय के शिलॉन्ग स्थित सीबीआई दफ्तर में पेश होने के लिए कहा। यह भी कहा कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अवमानना याचिका पर बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को जवाब देने को कहा है। यह जवाब 18 फरवरी के पहले देना होगा।