योगी सरकार ने विस में पेश किया बजट; धर्मस्थल व पर्यटन स्थलों के लिए दिल खोलकर दिया बजट

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लखनऊ। प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने गुरुवार को विधानसभा में चार लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपए का बजट पेश किया। जो कि वर्ष 2018-2019 के बजट के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है। बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपए (21,212.95 करोड़ रुपये) की नई योजनाओं को शामिल किया गया है।
चुनावी वर्ष होने के चलते इसे योगी सरकार का सबसे बड़ा बजट कहा जा रहा है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में बजट पेश करने से पहले प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि, सरकार ने कार्यभार संभालते ही किसानों का कर्ज माफ करने का बड़ा फैसला लिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि, पिछले दो वर्ष में यूपी इन्वेस्टर्स समिट व प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया। वहीं, कुंभ का आयोजन भव्य तरह से किया जा रहा है। प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार किया गया। छह लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया गया। यूरिया का दाम घटाया गया। कामधेनु योजना के तहत गोधन का संवर्धन किया गया। युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार के कई विभागों में भर्तियां की जा रही हैं। वहीं, निवेश को बढ़ावा देकर विकास के द्वार खोले जा रहे हैं।
बजट के प्रमुख अंश
  • योगी सरकार ने मथुरा व वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपए की व्यवस्था की है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए और प्रस्तावित वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए, अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास हेतु 101 करोड़ रुपए, गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों की समेकित विकास के लिए 27 करोड़, पर्यटन नीति 2018 के क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपए और प्रो पुआर टूरिस्ट के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में लहर तारा तालाब, कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित है। प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम का विकास किया जाएगा। लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास।
  • अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 942 करोड़ रुपए की व्यवस्था, अरबी फारसी मदरसों के आधुनिकरण हेतु 459 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
  • योगी सरकार ने नगर विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लिए 5156 करोड़ रुपए, अमृत योजना के लिए 22 सौ करोड़ रुपए, स्मार्ट सिटी मिशन योजना के लिए दो हजार करोड़ रुपए, स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना हेतु 1500 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री नगरी अल्प विकसित व मलिन बस्ती विकास के लिए 426 करोड़ रुपए, पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिए 200 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की है।
  • बुंदेलखंड की विशेष योजनाओं के लिए वर्ष 2019-20 में  810 करोड़ रुपए, त्वरित आर्थिक विकास योजना के लिए 1000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है। बेसिक शिक्षा की मजबूती के लिए समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18485 करोड़ रुपए, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए 2275 करोड़, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अवस्थापना सुविधाओं विकास के लिए 500 करोड़ रुपए,
  • उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं को निशुल्क 1 जोड़ी जूता, 2 जोड़ी मौजा, एक स्वेटर उपलब्ध कराए जाने हेतु 300 करोड़ रुपए, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र छात्राओं को निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण हेतु 40 करोड़, वन टांगिया ग्रामों में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु 5 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वित्तीय वर्ष 2019- 20 में स्कूल बैग वितरण हेतु 110 करोड़ रुपए की व्यवस्था योगी सरकार ने कर दी है।
  • माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में सैनिक स्कूलों की स्थापना हेतु 26 करोड़ 57 लाख, राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना हेतु 10 करोड़, संस्कृत पाठशालाओं को सहायक अनुदान उपलब्ध कराए जाने के लिए 242 करोड़,
  • सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान हेतु 30 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
  • उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समस्त कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा योजना हेतु 50 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यों हेतु 160 करोड़, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ की अवस्थापना मद के लिए 63 लाख रुपए, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में अटल सुशासन पीठ स्थापना हेतु 2 करोड़ रुपए, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय हेतु 21 करोड़ 51 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है।
  • प्राविधिक शिक्षा के लिए योगी सरकार द्वारा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान लखनऊ की स्थापना पीपीपी मोड के अंतर्गत की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019 बीच के बजट में इस हेतु 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
  • वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने घोषणा की कि जिन लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ नहीं मिल पाएगा। उनके लिए मुख्यमंत्री आरोग्य योजना शुरू की जाएगी। इससे के लिए 111 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोजेक्ट मिशन हेतु 1298 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 291 करोड़, प्रदेश के जनपदों में 100 शैया युक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 47 करोड़ 59 लाख की व्यवस्था की गई है।
  • चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेजों में उच्चीकृत किए जाने की योजना के लिए 908 करोड़, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ को 907 करोड़ रुपए, जनपद बलरामपुर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ की सेटेलाइट सेंटर की स्थापना हेतु 25 करोड़, पीजीआई लखनऊ को 854 करोड़, राम मनोहर लोहिया संस्थान को 396 करोड़, ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई को 357 करोड़, कैंसर संस्थान लखनऊ के विस्तार हेतु 248 करोड़ रुपए, अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ की स्थापना हेतु 50 करोड़ का बजट दिया गया है।
  • वन एवं पर्यावरण में तीन नई योजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। विभिन्न मंडलों, जनपदों तथा तहसीलों के भवनों के निर्माण व रख रखाव के लिए 238 करोड़ की व्यवस्था, आपदा मोचन निधि में 1820 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा हेतु 845 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
  • लोक निर्माण विभाग को विभिन्न योजनाओं के लिए मिले लगभग 26 हजार करोड़ रुपए, मध्य गंगा नहर योजना द्वितीय चरण हेतु 1727 करोड़, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लिए 1812 करोड़ रुपए, विभिन्न परियोजनाओं में सिंचाई विभाग को मिले 5000 करोड़ रुपए।
  • आवास एवं शहरीय नियोजन अवस्थापना सुविधाओं के विकास संबंधी कार्य हेतु 300 करोड़ रुपए, कानपुर मेट्रो रेल परियोजना तथा आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 175-175 करोड़ों की व्यवस्था, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर, प्रयागराज एवं झांसी में मेट्रो रेल परियोजना के प्रारंभिक कार्य हेतु 150 करोड़ की व्यवस्था, दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरीडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना हेतु 400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
  • कानून व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश के 36 नए थानों के निर्माण, पुलिसकर्मियों एवं पीएसी के प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार तथा पुलिसकर्मियों के लिए बैरक निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपए, पुलिस विभाग में टाइप-ए एवं टाइप-बी के आवासीय भवनों के निर्माण हेतु 700 करोड़ रुपए, प्रदेश में नवसृजित जनपदों में 07 पुलिस लाइनों के निर्माण हेतु 400 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है। प्रदेश में 57 फायर स्टेशनों पर आवासीय तथा अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु 200 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पुलिस आधुनिकीकरण पर योगी सरकार 204 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

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