पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग 3 दिसंबर 2023
नीरजपाराशर आचारय:
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺
* जय श्री राधे *
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
**ll जय श्री राधे ll**
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दिनाँक:-03/12/2023, रविवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 19:26:32 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——– आश्लेषा 21:34:55
योग————– ऐन्द्र 20:54:36
करण———– वणिज 19:26:32
वार———————– रविवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——- कर्क 21:34:55
चन्द्र राशि——————- सिंह
सूर्य राशि—————– वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शोभकृत
संवत्सर (उत्तर) ——————-पिंगल
विक्रम संवत—————–2080
गुजराती संवत—————2080
शक संवत——————-1945
कलि संवत—————- —5124
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:54:49
सूर्यास्त—————- 17:22:49
दिन काल————- 10:28:00
रात्री काल————- 13:32:43
चंद्रास्त—————- 11:47:27
चंद्रोदय—————- 22:46:49
लग्न—-वृश्चिक 16°25′ , 226°25′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————- आश्लेषा
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
डू—- आश्लेषा 08:11:05
डे—- आश्लेषा 14:52:21
डो—- आश्लेषा 21:34:55
मा—- मघा 28:18:35
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य= वृश्चिक 16:30, अनुराधा 4 ने
चन्द्र= कर्क 22:30 , आश्लेषा 2 डू
बुध =धनु 07:53′ मूल 3 भा
शु क्र=तुला 03°05, चित्रा’ 4 री
मंगल=वृश्चिक 11°30 ‘ अनुराधा’ 3 नू
गुरु=मेष 12°30 ‘ अश्विनी , 4 ला
शनि=कुम्भ 07°50 ‘ शतभिषा ,1 गो
राहू=(व) मीन 28°20 वी रेवती , 4 ची
केतु=(व) कन्या 28°20 चित्रा , 2 पो
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩
राहू काल 16:04 – 17:23 अशुभ
यम घंटा 12:09 – 13:27 अशुभ
गुली काल 14:46 – 16: 04अशुभ
अभिजित 11:48 – 12:30 शुभ
दूर मुहूर्त 15:59 – 16:41 अशुभ
वर्ज्यम 09:05 – 10:51 अशुभ
🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:55 – 08:13 अशुभ
चर 08:13 – 09:32 शुभ
लाभ 09:32 – 10:50 शुभ
अमृत 10:50 – 12:09 शुभ
काल 12:09 – 13:27 अशुभ
शुभ 13:27 – 14:46 शुभ
रोग 14:46 – 16:04 अशुभ
उद्वेग 16:04 – 17:23 अशुभ
🚩चोघडिया, रात
शुभ 17:23 – 19:04 शुभ
अमृत 19:04 – 20:46 शुभ
चर 20:46 – 22:28 शुभ
रोग 22:28 – 24:09* अशुभ
काल 24:09* – 25:51* अशुभ
लाभ 25:51* – 27:32* शुभ
उद्वेग 27:32* – 29:14* अशुभ
शुभ 29:14* – 30:56* शुभ
💮होरा, दिन
सूर्य 06:55 – 07:47
शुक्र 07:47 – 08:39
बुध 08:39 – 09:32
चन्द्र 09:32 – 10:24
शनि 10:24 – 11:16
बृहस्पति 11:16 – 12:09
मंगल 12:09 – 13:01
सूर्य 13:01 – 13:53
शुक्र 13:53 – 14:46
बुध 14:46 – 15:38
चन्द्र 15:38 – 16:30
शनि 16:30 – 17:23
🚩होरा, रात
बृहस्पति 17:23 – 18:31
मंगल 18:31 – 19:38
सूर्य 19:38 – 20:46
शुक्र 20:46 – 21:54
बुध 21:54 – 23:01
चन्द्र 23:01 – 24:09
शनि 24:09* – 25:17
बृहस्पति 25:17* – 26:25
मंगल 26:25* – 27:32
सूर्य 27:32* – 28:40
शुक्र 28:40* – 29:48
बुध 29:48* – 30:56
🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩
वृश्चिक > 04:36 से 06:56 तक
धनु > 06:56 से 09:02 तक
मकर > 09:02 से 10:48 तक
कुम्भ > 10:48 से 12:16 तक
मीन > 12:16 से 13:48 तक
मेष > 13:48 से 15:28 तक
वृषभ > 15:28 से 17:28 तक
मिथुन > 17:28 से 19:40 तक
कर्क > 19:40 से 21:56 तक
सिंह > 21:56 से 00:10 तक
कन्या > 00:10 से 02:20 तक
तुला > 02:20 से 04:36 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 6 + 1 + 1 = 23 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
21 + 21 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्री 19:27 से प्रारम्भ
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