शिवहर लोकसभा आनंद मोहन के ‘गढ़’ में तीन चुनावों से बीजेपी की लहर, पर आगे की चुनौती बड़ी

भाजपा बदल सकती है उम्मीदवार।

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

रिपोर्ट : सुमित सिंहShivhar Lok Sabha: BJP wave after three elections in Anand Mohan's 'garh', but the challenge ahead is big

शिवहर सबसे छोटा जिला है। युवा भी है। 6 अक्टूबर 1994 को सीतामढ़ी जिले का अनुमंडल शिवहर, अलग जिले के रूप में परिवर्तित हो गया। शिवहर को भले ही जिला के रूप में पहचान बाद में मिली, लेकिन यह धरती पहले से आस्था और भक्ति का केंद्र रही है। भगवान शिव और हरि के मिलन की भूमि शिवहर का रामायण और महाभारत काल से सीधा संबंध रहा है। लेकिन फिलहाल त्रेता और द्वापर युग से बाहर निकल कलयुग में शिवहर लोकसभा क्षेत्र के बारे में हम बात करते हैं।

शिवहर इन दिनों एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। कारण हैं यहां के सांसद रहे आनंद मोहन। बिहार सरकार ने आनंद मोहन को डीएम की हत्या के आरोप साबित होने के बाद कोर्ट से मिली उम्र कैद से रिहा कर दिया है। यह पहली बार नहीं है, जब शिवहर आनंद मोहन की वजह से सुर्खियों में आया है। आनंद मोहन ने शिवहर से दो बार लोकसभा का चुनाव जीता है। शिवहर ही वो क्षेत्र है जिसके सांसद को मौत की सजा सुनाई गई थी। वो सांसद थे आनंद मोहन। उनके फांसी की सजा तो उम्र कैद में बदल गई लेकिन उनके नाम का दाग शिवहर से जुड़ गया। वैसे शिवहर लोकसभा सीट रामदुलारी सिन्हा, हरिकिशोर सिंह का भी क्षेत्र रहा है, जो अपने वक्त में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे।

वैसे पिछले तीन लोकसभा चुनावों में शिवहर क्षेत्र का इतिहास देखें तो भाजपा का कब्जा रहा है।

2024 के लोकसभा चुनाव के बारे में कयास यह लगाया जा रहा है कि भाजपा रमा देवी का टिकट काट सकती है। इसके पीछे की वजह रमा देवी की उम्र बताई जा रही है। 2024 में रमा देवी की उम्र 76 वर्ष होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि उनका टिकट कट सकता है। वैसे रमा देवी का ट्रैक रिकॉर्ड तो इस सीट पर शानदार रहा है। ऐसे में उनका रिप्लेसमेंट ढूंढ़ने में भाजपा को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

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