जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। दोनों विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा से पारित हो गए थे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण दिन है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज दोनों विधेयक पारित हो जाएंगे और यह जम्मू-कश्मीर और भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी जम्मू-कश्मीर (पुनर्गठन) विधेयक 2019 के पीछे की मंशा, इसकी संवैधानिक वैधता और प्रक्रिया को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। अगर अनुच्छेद 370 इतना उचित और इतना जरूरी था तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसके आगे अस्थायी शब्द का उपयोग क्यों किया? जो लोग कहते हैं कि अनुच्छेद 370 स्थायी है, वे विधानसभा और संविधान की मंशा का अपमान कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था यानी याचिकाकर्ता का यह दावा कि अनुच्छेद 370 को कभी हटाया नहीं जा सकता, इसे सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि राज्यपाल शासन और राष्ट्रपति शासन की घोषणाओं को चुनौती देना ठीक नहीं है। जब अस्थायी प्रावधान किया गया तो सवाल उठा कि अगर यह अस्थायी है तो इसे हटाया कैसे जाएगा? इसलिए अनुच्छेद 373 के अंदर यह प्रावधान डाला गया कि राष्ट्रपति धारा 370 में संशोधन कर सकते हैं, उस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं और उसे संविधान से पूरी तरह बाहर भी कर सकते हैं। अनुच्छेद 370 ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला। एक गलत फैसला हो सकता है, लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए। मैं अब भी कहता हूं, वापस आ जाओ नहीं तो अब जीतने सांसद बचे हैं, वह भी नहीं रहेंगे। अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है- 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे।
शाह ने कहा कि पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब नए परिसीमन आयोग के बाद 43 सीटें हो गई हैं। पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं, अब 47 हैं और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं, क्योंकि पीओके हमारा है। मैं फिर से कह रहा हूं कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का है, हमारा है और इसे हमसे कोई नहीं छीन सकता।
Comments are closed.