उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी की उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

राष्ट्रीय जजमेंट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी की उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें राष्ट्रीय पार्टी को अपनी राष्ट्रीय और दिल्ली राज्य इकाइयों के लिए कार्यालय बनाने में सक्षम बनाने के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय रूप से स्थित क्षेत्रों को बाधाओं और अतिक्रमणों से मुक्त भूमि आवंटित करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल-न्यायाधीश पीठ ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और भूमि और विकास अधिकारी को नोटिस जारी किया और याचिका को 23 अप्रैल, 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।अपनी याचिका में प ने दावा किया कि वह केंद्र द्वारा 31 जुलाई, 2014 को जारी नीतियों और 13 जुलाई, 2006 को मंत्रालय द्वारा जारी एक ज्ञापन के मद्देनजर कार्यालयों के निर्माण के लिए 1,000 वर्ग मीटर का हकदार है। याचिका के अनुसार, जुलाई 2006 का ज्ञापन दोनों सदनों में 15 सांसदों तक वाले सभी राष्ट्रीय दलों को स्पष्ट रूप से 500 वर्ग मीटर तक भूमि आवंटन का प्रावधान करता है। याचिका में कहा गया है कि इसमें दिल्ली राज्य इकाइयों के लिए 500 वर्ग मीटर तक भूमि के अतिरिक्त आवंटन का प्रावधान है, जहां राष्ट्रीय पार्टी का दिल्ली राज्य विधानमंडल में प्रतिनिधित्व है।इस साल 10 अप्रैल को भारत के चुनाव आयोग द्वारा आप को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी गई थी। याचिका में इस साल 26 जून और 15 सितंबर को जारी दो पत्रों को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके द्वारा केंद्र ने अस्पष्ट आधार पर भूमि आवंटन के पार्टी के अनुरोध को खारिज कर दिया था।

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