दिल्ली में बीते तीस दिनों में 203 बेघरों की मौत

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है। इस मौसम में रात में घरों में रहने वाले भी कसमसा जाते हैं, तो खुले में रहने वालों पर क्या बीतती होगी ! इस कड़ाके की ठंड की सबसे ज्यादा मार बेघरों पर पड़ती है। दिल्ली में ठंड बेघरों के लिए आफत बन गई है, जहां पिछले तीस दिनों में 203 बेघरों की मौत हो चुकी है। सब से ज्यादा मौतें उत्तरी दिल्ली में हुई है।

दिल्ली पुलिस को बीते तीस दिनों में फुटपाथ, सड़क या खुले में कहीं भी सोने वाले 203 बेघरों की डेड बॉडीज मिली है। इनमे 16 डेड बॉडीज पर चोट के निशान है। जिनकी दिल्ली के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज है। बाकी 187 डेड बॉडीज पर किसी प्रकार के चोट का निशान नहीं मिला है। इनमे से किसी का भी नाम नमालुम है। यानि अभी तक वो सभी अज्ञात शव हैं। पुलिस इन मौत के कारणों की पुष्टि नहीं कर रही है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता चल सकता है। पर इनमे ज्यादातर डेड बॉडीज का पोस्टमॉर्टम नही हुआ है। मगर सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इन्हें ठंड से हुई मौत माना जा रहा है।

दिल्ली पुलिस को दिल्ली के अलग अलग जिलों से 15 नवंबर से 14 दिसंबर तक फुटपाथ, सड़क या खुले में कहीं भी सोने वाले 203 बेघरों की डेड बॉडीज मिली है। इनमे 16 डेड बॉडीज पर चोट के निशान है। 187 डेड बॉडीज पर किसी प्रकार के चोट का निशान नहीं मिला है। इनमें मध्य दिल्ली में 19, द्वारका जिले में 6, पूर्व दिल्ली में 6 (एफआईआर: 1), नई दिल्ली में 12, उत्तर दिल्ली में 57 (एफआईआर: 3), उत्तर पूर्व दिल्ली में 10 (एफआईआर: 1), उत्तर पश्चिम दिल्ली में 9, बाहरी दिल्ली में 13 (एफआईआर: 2), बाहरी उत्तर दिल्ली में 10 (एफआईआर: 1), रोहिणी में 12 (एफआईआर: 2), शाहदरा जिले में 9, दक्षिण दिल्ली में 9 (एफआईआर: 1), दक्षिण पूर्व दिल्ली में 17 (एफआईआर: 1), दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 9 और पश्चिम दिल्ली के 21 (एफआईआर: 4) डेड बॉडीज मिली है।

दिल्ली सरकार द्वारा विंटर एक्शन प्लान के तहत रैन बसेरे शुरू होने में ढिलाई

दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड द्वारा हर साल 15 नवंबर से विंटर एक्शन प्लान शुरू किया जाता है। और 15 मार्च तक कार्यरत रहता है। जिनमें दिल्ली के विभिन्न इलाकों में अस्थाई रैन बसेरा (टेंट) लगता है ताकि कोई बेघर ठंड में ना रहे। हालाकि इस बार भी विंटर एक्शन प्लान 15 नवंबर से ही शुरू हुआ था पर जमीनी स्तर पर काम 1 दिसंबर से शुरू हुआ। यानि एक दिसंबर से अस्थाई रैन बसेरा (टेंट) लगना शुरू हुआ। अभी तक दिल्ली में 54 अस्थाई रैन बसेरे कार्यरत हुए हैं।

हालाकि दिल्ली के कई स्थानों पर अस्थाई रैन बसेरा लग चुका है पर गद्दे एवं बेड नही होने के कारण कार्यरत नही हुआ है। इनमें विभाग की ढिलाई साफ दिख रही है। विंटर एक्शन प्लान शुरू होने से पहले ही रैन बसेरे संबंधित सभी प्रकार की असुविधा और समस्या दूर की जाती है। पर इस साल अभी तक पहले से कार्यरत रैन बसेरे में ही समस्याओं की भरमार दिख रही है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में पौने दो लाख के करीब बेघर लोग रहते हैं। डूसीब की वेबसाइट अनुसार अभी 252 रैन बसेरे कार्यरत हैं। इनमें केवल 18074 लोगों के रहने का इंतजाम हो सकता है। ऐसे में यह कहना गलत नही है कि इतनी ठंड में बेघर लोग भगवान भरोसे ही हैं।

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