अधिकारी सस्पेंड हुआ तो मिलती है आधी सैलरी

राष्ट्रीय जजमेंट

हंगामे के बीच गुरुवार को संसद से पंद्रह सांसदों को निलंबित कर दिया गया। यह बात उस दिन सामने आई है जब संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और दो लोग चैंबर में कूद गए। जबकि दो अन्य बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। संसद हमले की बरसी पर हुई इस घटना में छह लोग शामिल हैं। लेकिन निलंबित 15 सांसद कौन हैं? उन्हें निलंबित क्यों किया गया? क्या हैं निलंबन के नियम? क्या प्रतिक्रिया रही है? सारे सवालों के जवाब आपको इस रिपोर्ट के जरिए बताते हैं। सांसदों को क्यों किया गया निलंबित डीएमके सांसदों ने आरोप लगाया है कि पार्थिबन को सदन में मौजूद नहीं होने के बावजूद निलंबित कर दिया गया। सुरक्षा उल्लंघन पर गृह मंत्री अमित शाह से बोलने की मांग करते हुए विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद गुरुवार को संसद की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। यह तब भी है जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोहराया कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है। सदन में गुरुवार सुबह उच्च सदन में ओ’ब्रायन को शेष शीतकालीन सत्र के लिए सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया गया। अपने निलंबन से पहले, सांसद बुधवार के सुरक्षा उल्लंघन पर सरकार से बयान की मांग के साथ नारे लगाते हुए सदन के वेल में चले गए। ओ’ब्रायन भी कुर्सी के सामने वाले क्षेत्र में चला गया और अपनी बाहें हवा में लहरा दीं। इससे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए और उन्होंने ओ’ब्रायन का नाम लिया और उन्हें सदन छोड़ने के लिए कहा। अध्यक्ष द्वारा नामित व्यक्ति को उस दिन की कार्यवाही से खुद को अलग करना पड़ता है।

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